फर्रुखाबाद: वैसे तो केन्द्रीय कारागार में जैसा दाम बैसा काम की प्रथा बहुत पुरानी है| पंहुच व पैसे वाले कैदियों को जेल मैनुअल की आंच तक नही आती और जो कैदी निर्धन है उनको जेल का पूरा कानून लाद दिया जाता है| केन्द्रीय कारागार में एन दिनों हाल ही कुछ इस तरह का है| हालत देखते हुए लगता है की बंदी रक्षक जेल काट रहे बंदी मजे कर रहे है| कई घटना क्रम चौकाने वाले है| किसी बंदी की मिलायी 24 घंटे में किसी भी समय हो जाती है कोई बंदी परिजनों से मिलने के लिए अपनी घड़ी को देखता रहता है| जेल में कई सैकड़ा बंदी बंद है| जिनमे से जेल प्रशासन ने तकरीवन आधा सैकड़ा खतरनाक बन्दियो की सूची बना ली है| जिन पर शासन की तरफ से खास नजर रखी जा रही है|
जेल में मुलाकात का समय सुबह 9 बजे से 11 बजे व 11 बजे से 2 बजे का रखा गया है| जेल में पुरे प्रदेश के बंदी सजा काट रहे है| जिसके चलते मुलाक़ात करने वाले भी आते है| जेल के सूत्रों के अनुसार जेल विभाग की तरफ से एक सूची बनायी गयी है| जिसमे जेल में बंद 51 खतरनाक कैदियों के नाम दर्ज है इनसे मुलाकात करने के लिए आने वाले व्यक्ति की पहचान व उसके विषय में पूरा खाका जेल प्रशासन लेता है जिसके बाद ही उसकी मुलाकात होती है|
मुलाकात के बाद स्थानीय पुलिस प्रतिदिन इन कैदियों से मिलने आने वाले मुलाकातियो के नाम पता लेकर उच्चाधिकारियों को भेजती है| जंहा से यह शसन को भेजा जाता है| प्रशासन की इस सख्ती को भी जेल के अन्दर बंद कैदी चुना लगाने से नही चुक रहे है वह अपने परिजनों को कहकर किसी समान्य बंदी के नाम से मुलाक़ात करते है | जिसकी जानकारी जेल के अधिकारियों के आलावा किसी को भी नही हो पाती| जेल अधिकारी इस काम के एबज में एक मोटी रकम बसुलते है|