UPTET 2011 Result- फिर संशोधित होगा प्राथमिक का परिणाम

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इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा 13 नवंबर को आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा का परिणाम फिर संशोधित होगा। इस आशय के संकेत यूपीटीईटी की वेबसाइट पर दिए गए हैं। वेबसाइट पर प्राथमिक स्तर के परिणाम को ‘कमिंग सून’ दिखाया जा रहा है। हालांकि माध्यमिक शिक्षा परिषद के निदेशक संजय मोहन ने दावा किया है कि प्राथमिक स्तर का पूरा परिणाम संशोधित नहीं किया जाएगा। अभ्यर्थियों द्वारा दी गई आपत्तियों और प्रार्थना पत्रों को देखते हुए प्राथमिक का संशोधित परिणाम घोषित करने का निर्णय लिया गया है।

प्रभावित नहीं होगा प्राथमिक स्तर का पूरा परिणाम : संजय मोहन

माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा जारी की गई उत्तर माला में कई प्रश्नों के विकल्प गलत बताए जा रहे थे। बोर्ड ने दो प्रश्नों को गलत मानते हुए उन्हें हटा भी दिया था। इस दौरान अभ्यर्थियों की आपत्तियां आती रहीं और बोर्ड ने उत्तर माला में एक के बाद एक चार संशोधन कर दिए। विडंबना यह है कि इसके बाद भी सभी आपत्तियों का निस्तारण नहीं हो सका है। यही कारण है कि बोर्ड कार्यालय पर रोज प्रदेशभर से सैकड़ों आवेदन पत्र आर रहे हैं। धरना-प्रदर्शन हो रहे हैं।

बोर्ड के लिए सबसे बड़ी समस्या उन अभ्यर्थियों की आपत्तियां हैं, जिनको सुबह की पाली में शाम की ओएमआर और शाम की पाली में सुबह की ओएमआर शीट दे दी गई। ऐसे अभ्यर्थियों ने मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों से उनके ओएमआर शीट की मैन्युअल चेकिंग कराने का निवेदन किया था, क्योंकि कम्प्यूटर की चेकिंग से ओएमआर की जांच में नुकसान तय था। इसके बाद भी मैन्युअल चेकिंग नहीं कराई गई। इसका नतीजा यह रहा कि हजारों अभ्यर्थियों को अधिक प्रश्न हल करने के बाद भी बहुत कम अंक मिले। जैसे किसी ने यदि 120 प्रश्न सही किए हैं तो उनको 30 अंक मिल गए। यूपी बोर्ड में इसके अलावा भी तमाम विसंगतियों को लेकर हरदिन सैकड़ों की संख्या में प्रदेशभर से प्रार्थना पत्र आ रहे हैं।

हालांकि माध्यमिक शिक्षा परिषद के अध्यक्ष संजय मोहन का कहना है कि यह संशोधन उन अभ्यर्थियों के लिए हो रहा है, जिन्होंने संशोधन के लिए आपत्तियां की हैं। अब सवाल यह उठता है कि संशोधन से परिणाम पर अंतर कैसे नहीं आएगा। आपत्तियां तो अभी गलत प्रश्नों और गलत विकल्पों पर भी हैं। ऐसे में यदि बोर्ड सभी आपत्तियों का निस्तारण करता है तो क्या गलत उत्तर और प्रश्नों के लिए केवल आपत्ति करने वालों को ही अंक दिए जाएंगे, जिन्होंने आपत्ति नहीं की उन्हे अंक नहीं दिए जाएंगे। यह अभी भी यक्ष प्रश्न बना हुआ है, जिसका जवाब यूपी बोर्ड के किसी अधिकारी के पास नहीं है।