तमाम समाजसेवको के अथक प्रयास के बाद केंद्र सरकार ने भले ही सूचना के अधिकार को पूरे देश में लागू करवा दिया हो मगर चोर किस्म के अधिकारी कर्मचारी अभी भी जनता को सूचना उपलब्ध कराने के नाम पर हेराफेरी से बाज नहीं आ रहे|
उत्तर प्रदेश में आयोग के कड़े रुख के चलते पिछले तीन महीने में ४६ लाख रुपये का दंड अधिकारी सूचना न देने या गलत सूचना देने के कारण भुगत चुके है मगर अभी भी सुधरने का नाम नहीं ले रहे|
जनपद फर्रुखाबाद में एक एक्टिविस्ट धीरेन्द्र ने पिछले दिनों जनपद के खाद्य विपणन अधिकारी यादराम जो कि इस विभाग के जन सूचना अधिकारी भी है से सूचना के अधिकार के तहत सूचनाये मांगी तो इन महोदय ने जबाब दिया कि उक्त सूचनाएँ इनके सहायक जन सूचना अधिकारी से मांगी जाये|फर्रुखाबाद की जेलों में राशन खरीद में हुए लाखों के घपले के सूत्रधार का अर्रोप झेल रहे यादराम इन दिनों चौतरफा फसे नजर आते है| कई वर्षो से अंधेर नगरी चौपट राजा वाली कहावत चरितार्थ करते हुए जिले में डटे यादराम पर पहले भी कई आरोप लगते रहे है| कभी गेंहू खरीद में तो कभी मिड डे मील के चावल में घटिया चावल वितरण में यादराम सुर्ख़ियों में आ चुके है|
सूचना एक्टिविस्ट धीरेन्द्र ने जन सूचना अधिकारी की हैसियत से विभाग से जानना चाह कि गत वर्ष खाद्यान की खरीद में कितना बारदाना पुराना प्रयोग में लाया गया, मिड डे मील में ग्रेड ए के चावल के स्थान पर निम्न ग्रेड का चावल क्यूँ भेजा गया आदि| मगर अनियमितताओं के चलते पोल खुला जाने के डर से ये सूचनाएं देने कि जगह आवेदक को ही धमकी भरा पत्र लिख भेजा| धीरेन्द्र ने अब यादराम पर कारवाही के लिए आयोग का दरवाजा खटखटाया है|
इस मामले में जब यादराम से बात करने के लिए 9411461966 नंबर डायल किया गया तो उन्होंने फ़ोन नहीं उठाया|