नई दिल्ली: केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी का मानना है कि जंक फूड से बच्चे कुपोषण का शिकार हो रहे हैं। यही वजह है कि वह स्कूल जाने वाले बच्चों के पोषण में सुधार के लिए देशभर के स्कूलों की कैंटीनों में जंक फूड की बिक्री पर पाबंदी का प्रस्ताव तैयार कर रही हैं। बाल विकास मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक मुख्य उद्देश्य स्कूल कैंटीनों में छात्रों के लिए अच्छे किस्म का सुरक्षित आहार उपलब्ध कराना है।
मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, बच्चों को यह भी बताया जाएगा कि जंक फूड आखिर क्या है और वह उनके लिए क्यों नुकसानदायक है? मेनका गांधी इस प्रस्ताव पर स्वास्थ्य और मानव संसाधन विकास [एचआरडी] मंत्रियों से भी विचार-विमर्श करेंगी। उल्लेखनीय है कि सरकारी स्कूलों में संचालित मिड-डे मील योजना एचआरडी मंत्रालय के अधीन आती है।
स्वास्थ्य मंत्रालय का भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण [एफएसएसएआइ] पहले ही स्कूल परिसरों में पोषक भोजन के लिए प्रस्तावित दिशा-निर्देशों पर काम कर रहा है। दिल्ली हाई कोर्ट भी देशभर के स्कूल परिसरों व उनके आसपास जंक फूड और कार्बोनेटेड पेय की बिक्री के नियंत्रण को लेकर अध्ययन कर रहा है। हाई कोर्ट देशभर के सभी निजी व गैर सहायता प्राप्त स्कूलों में कार्बोनेटेड पेय व जंक फूड की बिक्री पर तत्काल रोक लगाने की मांग वाली उदय फाउंडेशन की याचिका पर सुनवाई कर रहा है।
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