शमसाबाद (फर्रुखाबाद): उत्तराखण्ड में प्राकृतिक तबाही के बाद बढ़े गंगा के जल स्तर से जनपद के दर्जनों गांव जलमग्न हो गये है। जिससे इन गांवों में खड़ी फसलें पूर्णतः नष्ट हो गयीं वहीं पशुओं के चारे की विशेष समस्या हो गयी। दिन में तेज धूप हो जाने से गांव में सड़ांध मार रहे पानी द्वारा बीमारियां फैलने की भी आशंका जतायी जा रही है। वहीं गंगा का कटान अभी भी जारी है। जिससे अभी भी लगभग आधा दर्जन गांवों को विशेष खतरा बना हुआ है।
शमसाबाद क्षेत्र के ग्राम समैचीपुर का नामोनिशान मिट चुका है, जिसमें कोई भी मकान शेष नहीं रहा। वहीं काशिमपुर तराई में गंगा का कटान जारी है। गांव के चारो तरफ पानी भरा हुआ है व एक तरफ गंगा की तेज धार गांव को अपने आगोश में ले रही है। क्षेत्र के ग्राम जमुनिया नगला, सैदपुर, वाजिदपुर के अलावा अन्य कई गांवों में अभी भी पानी भरा हुआ है। फसलों के सड़ने व अन्य कूड़ा कचरा सड़ने के अलावा दिन में तेज धूप में पानी गर्म हो जाने से गंदगी फैलने की आशंका जतायी जा रही है। लेकिन प्रशासन की तरफ से इन गांवों में कोई भी स्वास्थ्य टीम के द्वारा दवा वितरित नहीं करायी गयी और न ही कोई स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया। जिससे क्षेत्र की जनता में प्रशासन के अलावा जनप्रतिनिधियों पर भी भारी रोष है।
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