कैट के रिजल्ट में गड़बड़ी उजागर

Uncategorized

लखनऊ : देश के 13 भारतीय प्रबंध संस्थानों (आइआइएम) और कई अन्य नामचीन बिजनेस स्कूलों में दाखिले के लिए संचालित कॉमन एडमिशन टेस्ट (कैट) के रिजल्ट में भी खेल शुरू हो गया है। कैट की वेबसाइट का रखरखाव करने और उस पर रिजल्ट डालने वाली लखनऊ की मेसर्स वेब वीवर्स नामक संस्था ने कैट 2012 के स्कोर में गड़बड़ी कर 80 परीक्षार्थियों के अंक बढ़ा दिये। इस गड़बड़ी का पता चलने पर कैट 2012 का आयोजन करने वाले आइआइएम कोझिकोड ने संस्था के खिलाफ स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दी है। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय ने भी मामले की जांच के लिए भारतीय प्रबंध संस्थानों के प्रतिनिधियों की उच्च स्तरीय कमेटी गठित कर दी है।

आइआइएम कोझिकोड ने 11 अक्टूबर से छह नवंबर तक कैट की परीक्षा आयोजित करायी थी। कम्प्यूटर आधारित इस परीक्षा का मूल्यांकन कार्य तो मेसर्स प्रोमेट्रिक्स संस्था ने किया लेकिन कैट की वेबसाइट पर परीक्षा परिणाम को अपलोड करने वाली संस्था वेब वीवर्स ने कुछ परीक्षार्थियों के अंक बढ़ा दिये। इस बारे में शिकायत मिलने पर वेबसाइट पर प्रदर्शित रिजल्ट का जब मास्टर डाटा सीडी से मिलान किया गया तो 80 ऐसे परीक्षार्थी मिले जिनके नंबर बढ़ाये गए थे। आइआइएम कोझिकोड की एडमिशन कमेटी के चेयरमैन प्रो.एसएसएस कुमार ने बताया कि पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। हालांकि लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जे.रवींद्र गौड के मुताबिक इस मामले में कोझिकोड पुलिस ने लखनऊ पुलिस से अब तक कोई संपर्क नहीं किया है। प्रो.कुमार के मुताबिक दाखिले के लिए सभी आइआइएम ने प्रोमेट्रिक्स द्वारा उपलब्ध करायी गई मास्टर डाटा सीडी का इस्तेमाल किया, इसलिए रिजल्ट में की गई छेड़छाड़ से किसी भी आइआइएम की प्रवेश प्रक्रिया प्रभावित नहीं हुई। अलबत्ता दाखिले के लिए कैट का स्कोर इस्तेमाल करने वाले कई अन्य प्रबंध संस्थानों में प्रवेश प्रक्रिया जारी है। इनमें से कई प्रबंध संस्थान कैट की वेबसाइट से ही स्कोर लेते हैं। लिहाजा ऐसे संस्थानों को सतर्क करते हुए उन्हें उन 80 परीक्षार्थियों के टेस्टिंग आइडी उपलब्ध करा दिये गए हैं जिनके अंक बढ़ाये गए हैं।

तीन साल से रिजल्ट अपलोड कर रही संस्था

इस मामले में आरोपों के घेरे में आयी वेब वीवर्स लखनऊ की संस्था है। 2010 में जब आइआइएम लखनऊ ने कैट आयोजित किया था तो उसने कैट की वेबसाइट पर डाटा अपलोड करने के लिए वेब वीवर्स का चयन किया था। आइआइएम लखनऊ के एडमिशन कमेटी के चेयरमैन प्रो.आशुतोष सिन्हा ने बताया कि संस्थान ने वेब वीवर्स के साथ एक साल का ही करार किया था। संस्था के काम से संतुष्ट होने पर 2011 में कैट आयोजित करने वाले आइआइएम कलकत्ता और 2012 में आइआइएम कोझिकोड ने भी वेब वीवर्स को दी गई यह जिम्मेदारी बरकरार रखी।

पते पर नहीं मिला संस्था का दफ्तर

वेब वीवर्स की वेबसाइट पर कंपनी का कोई पता नहीं दर्ज है। आइआइएम लखनऊ में पहले से दर्ज जो पते हासिल हुए उनमें से हजरतगंज के लारेंस टेरेस मोहल्ले के पते पर वेब वीवर्स का कोई दफ्तर नहीं मिला। ऐशबाग के पते पर संस्था का वर्कशॉप भी नहीं मिला।