प्रार्थनापत्रों की रिसीविंग देने में पुलिस की नानी मरती है: डी आई जी

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FARRUKHABAD : कानपुर जोन के डी आई जी आर के चतुर्वेदी ने मंगलवार को पुलिस लाइन व पुलिस अधीक्षक कार्यालय का निरीक्षण किया। इस दौरान वार्ता में उन्होंने कहा कि शिकायतीपत्रों की रिसीविंग देने में पुलिस वालों की नानी मरती है। अब हर थाना में प्रार्थनापत्रों की रिसीविंग में पीली पर्ची मिलेगी। जो भी i g R K chaudhari- ig rkchaudhariथानाध्यक्ष रिसीविंग पीली पर्ची पीड़ित या शिकायत कर्ता को नहीं देगा उस पर कार्यवाही की जायेगी। [bannergarden id=”8″]

डी आई जी ने सोमवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय व पुलिस लाइन का बारीकी से निरीक्षण किया। जिसके बाद उन्होंने पुलिस अधीक्षक को निर्देशित किया कि हर थाना कोतवाली में प्रार्थनापत्रों की रिसीविंग दिलाना सुनिश्चित करें। रिसीविंग न देने वाले थानाध्यक्षों पर सख्‍त कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि अब हर थाने में प्रार्थनापत्रों की रिसीविंग दी जाये। इसके लिए जनता में प्रचार के लिए थानों में बोर्ड लगवा दिये जायें।

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डी आई जी ने कहा कि इस तरीके के आये दिन प्रकरण आते हैं कि पुलिस अधीक्षक के पास शिकायत करने आने वाले लोग कहते हैं कि उन्होंने थाने में शिकायतीपत्र दिया था लेकिन रिपोर्ट दर्ज नहीं की गयी, लेकिन जब थानों में यही प्रकरण पूछा जाता है तो पता चलता है कि वह रिपोर्ट दर्ज कराने नहीं पहुंचा। इस दौरान पुलिस अधीक्षक जोगेन्द्र सिंह भी मौजूद रहे।

श्री चतुर्वेदी ने पुलिस आफिस में लोगों के विभिन्‍न कार्यों का सिटीजन चार्टर में निर्धारित समय सीमा के भीतर निस्‍तारण न किये जाने की पुष्‍टि हुई है। कई आवेदन जिना अधिकतम दो सप्‍ताह में निस्‍तारण हो जाना चाहिये था, वह 8-8 माह से लंबित पड़े पाये गये। उन्‍होंने कहा कि यह काफी खराब स्‍थिति है। इस मामले में पुलिस अधीक्षक को जांच कर जिम्‍मेदारी निर्धारित करने व दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के निर्देश दिये गये हैं।

उन्‍होंने कहा कि पुलिस फोर्स का 85 प्रतिशत भाग सिपाहियों पर आधारित है। परंतु उनकी जिम्‍मेदारी निर्धारित नहीं है। बीट सिस्‍टम में नया प्रयोग कर लागू करने के आदेश कर दिये गये हैं। पहले सिपाही ट्रांस्‍फर के समाय अपनी बीट बुक अपने साथ ले जाता था। अब बीट बुक थाने में ही रहेगी। ट्रांस्‍फर के समय सिपाही अपनी बीट बुक वही छोड़ कर जायेगा, व उसके स्‍थान पर तैनात नया सिपाही उसी बीट बुक पर आगे की रिपोर्टिंग करेगा। इससे बीट की निरंतरता बनी रहेगी व नये बीट सिपाही को क्षेत्र के पुराने इतिहास के विषय में भी जानकारी रहेगी। साथ ही संबंधित बीट के सारे काम बीट सिपाही के माध्‍यम से ही कराये जायेंगे।