फर्रुखाबाद: शनिवार को यहां अख्तर हुसैन रहमानी पब्लिक स्कूल व गर्ल्स हायर सेकेंड्री स्कूल के उद्घाटन के अवसर पर मुख्य अतिथि सैय्यद अशरफ कादरी बरकाती ने कहा कि फर्रुखाबाद जैसे शहर में बच्चियों की तालीम के लिये जो चिराग मुजफ्फर रहमानी रोशन किया है उसकी हिफाजत की जिम्मेदारी अब आपकी है। उन्होंने काफी सरल और साफ शब्दों में उनकी इस कोशिश की सराहना करते हुए इसके दूरगामी फायदों पर रोशनी डाली। मंच पर मौजूद केंद्रीय विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद व राज्य के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री अनंत कुमार मिश्रा अंटू ने भी श्री रहमानी के प्रयास की मुक्त कंठ से सराहना करते हुए इदारे की तरक्की के लिये हर संभव प्रयास व सहयोग करने का आश्वासन दिया।
शहर के मोहल्ला सलावतखां में नव निर्मित हाजी अख्तर हुसैन रहमानी पब्लिक स्कूल व गर्ल्स हायर सेकेंड्री स्कूल का आज एक भवय समारोह के दौरान उद्घाटन किया गया। उद्घाटन समारोह के मंच पर मुख्य अतिथि आयकर कमिश्नर मोहम्म्द अशरफ कादरी बरकाती के अतिरिक्त केंद्रीय विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद व राज्य के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री अनंत कुमार मिश्रा अंटू के अतिरिक्त मौलाना नवाजिशुर्रहमान गंज मुरादाबादी आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ तिलावते कुरान-ए-पाक से किया गया। मुख्य अतिथि अशरफ कादरी ने इस अवसर पर इल्म की अहमियत और विशेष रूप से लड़कियों की तालीम पर रोशनी डालते हुए इसे समाज की भलाई के लिये एक बड़ा कदम बताया। उन्होंने कहा कि नयी रिसर्च से यह बात अब साफ हो गयी है कि को-एजूकेशन स्कूलों की तुलना में गर्ल्स स्कूलों में लड़कियों की सीखने की छमता 25 प्रतिशत अधिक होती है। उन्होंने ने कहा यह चिराग तो रहमानी खानदान ने रोशन कर दिया है, अब इसकी हिफाजत आप सबका फर्ज है। उन्होंने मंच पर मौजूद सलमान खुर्शीद की सियासी पहचान के अलावा उनकी साहित्यिक पहचान के विषय में बताते हुए कहा कि उनके द्वारा लिखे ड्रामे ‘बाबर की औलाद’ ने उर्दू, हिंदी व अंग्रेजी तीनों भाषाओं में महत्वपूर्ण स्थान हासिल है।
सलमान खुर्शीद ने भी बिना किसी सियासी प्रस्तावना के शिक्षा व विशेषकर बालिका शिक्षा की जरूरत व अहमियत पर जोर दिया। हालांकि उन्होंन अपने भाषण के दौरान कई राजनैतिक चुटकियां भी लीं, परंतु मुख्य रूप से उन्होंने मुजफ्फर रहमानी के प्रयास की सराहना की। पूर्व स्वास्थय मंत्री अनंत कुमार मिश्रा ने श्री रहमानी से अपने पूर्व संबंधों का हवाला देते हुए विद्यालय की स्थापना में यथा संभव सहयोग का हवाला देते हुए भविष्य में भी उनके सहयोग के लिये उप्लब्ध रहने का विश्वास दिलाया। इस अवसर पर राजन महेश्वरी व राजेश अग्निहोत्री एडवोकेट ने भी अपने विचार प्रस्तुत किये। विद्यालय के निदेशक डा. मुजम्मिल सिद्दीकी ने प्रिंसपल नुजहत आरा व अन्य शिक्षकों के विषय में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि फिलहाल कक्षा 10 तक मान्यता मिल गयी है। इंटर कक्षाओं की मान्यता इसी साल मिल जाने की संभावना है। कार्यक्रम के दौरान पाकिस्तान से इस समारोह में भाग लेने आयीं रहमानी परिवार की एक खातून ‘अस्मा तारिया’ ने मंच से एक नॉत पेश की।
कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि ने उद्घाटन पत्थर का अनावरण किया। इससे पूर्व मुजफ्फर रहमानी की ओर से मुख्य अतिथि को जरी पर कढ़े अरबी में लिखे कलमे की ड्राइंग पेश की गयी। इसी प्रकार की एक कलाकृति सलमान खुर्शीद को भी भेंट की गयी। अचानक पहुंचे अंटू मिश्रा को एक लैंप भेट किया गया जो संभवत: प्रिसिपल की मेज के लिये खरीदा गया था। इसी प्रकार लुइस खुर्शीद को भी एक ट्राफी भेंट की गयी। यह भी संभवत: स्कूल में से ही उठाकर लाई गयी थी।
कार्यक्रम कें दौरान हाजी दिलदार हुसैन पूरे समय अतिथियों के स्वागत और आवभगत में लगे रहे। लगभग 85 वर्ष की उम्र में उनकी तेजी, खुशअख्लाकी, हाजिर-जवाबी और ऊर्जा को देखकर मुख्य अतिथि ने तो उनको मंच से ही जवान-ए-फर्रुखाबाद का खिताब दे डाला। जिला पंचायत अध्यक्ष तहसीन सिद्दीकी काफी विलंब से कार्यक्रम में पहुंचे।