कानपुर देहात। उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूल में बच्चों ने गांव की दलित महिला के हाथ का बना मिड-डे-मील खाने से इंकार कर दिया। मंडलायुक्त ने मामले की जांच अपर जिलाधिकारी (एडीएम) से कराने को कहा है।
दूसरी तरफ कन्नौज जनपद के छिबरामऊ क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय मोहद्दीनगर सकरावा में भी दलित महिला के हाथ का बना मिड डे मील खाने से बच्चों ने इनकार कर दिया। बच्चों ने जब अभिभावकों को यह मामला बताया तो वे भी स्कूल पहुंचे और महिला कुक को हटाने की मांग करने लगे। हालाँकि यहाँ एबीएसए ने घटना की जानकारी से ही इनकार किया है।
संदलपुर ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय जसापुर स्कूल में 135 बच्चे पंजीकृत हैं। इनमें 31 बच्चे दलित, 19 पिछड़े व 85 सामान्य वर्ग के हैं। पिछले सत्र में यहां मिड-डे-मील बनाने के लिये दो सवर्ण महिलाओं मीरा व सुमन की तैनाती थी। हाल ही में यहां पर दलित वर्ग की महारानी व शांती को भी खाना बनाने के लिये ग्राम पंचायत द्वारा अधिकृत किया गया। उक्त दलित महिलाओं द्वारा खाना बनाने से यहां के 85 सवर्ण बच्चों ने मंगलवार से मिड-डे-मील लेने से इंकार कर दिया। बुधवार को भी इन बच्चों द्वारा भोजन नहीं लेने पर शिक्षामित्र आरती सिंह व शैलेंद्र सिंह तथा जूनियर विद्यालय के प्रधानाध्यापक शहरुद्दीन सिद्दीकी ने एबीएसए के साथ-साथ बीआरसी तथा एनपीआरसी प्रभारी को प्रकरण से अवगत कराया। एबीएसए अनिल रावत के निर्देश पर बीआरसी प्रभारी बीडी सिंह व एनपीआरसी प्रभारी मान सिंह सेंगर ने गांव पहुंचकर बच्चों के परिजनों को समझाने प्रयास किया, किंतु देर शाम तक इनकी कवायद बेनतीजा रही।
इस मामले में मंडलायुक्त अमित कुमार घोष ने मामले को गंभीरता से लिया है। मामले की जांच अपर जिलाधिकारी स्तर के अधिकारी से करायी जायेगी। जिलाधिकारी सरोज कुमार तिवारी ने बताया, एसडीएम सिकंदरा को प्रारंभिक जांच करते हुए 24 घंटे में रिपोर्ट देने को कहा गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई होगी। मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक राकेश कुमार ने कहा कि रमाबाई नगर (पूर्व नाम कानपुर देहात) के बीएसए संजय शुक्ला विभागीय जांच करेंगे।