फर्रुखाबाद: पहले तो पुलिस जल्दी घटना को मानने के लिए ही तैयार नहीं होती और अगर हो भी जाये तो एफआईआर के लिए खर्चा चाहिए और एफआईआर दर्ज भी कर ली तो उसे ऐसे ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है जैसे पुलिस के लिए एफआईआर का कोई मतलब ही नहीं। दर्जनों ऐसे मामले पुलिस के रिकार्ड में दफन हो गये जिन्हें पुलिस ने खोलना मुनासिब नहीं समझा। जनपद में आठ माह के अंदर दो दर्जन से अधिक लूट की बारदातें हुईं। जिनमें से कुछ तो बारदातें बाकई में रोंगटे खड़े कर देने वालीं थीं। लेकिन पुलिस अभी भी खुलासे के नाम पर बगलें झांक रही है।
बीते दिनों डीआईजी पीयूष आनंद ने जनपद में पहुंचकर पुलिस को हत्या व लूट को शीघ्र खोलने तथा अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाने का पाठ पढ़ाया था। लेकिन कहते हैं बैगन पर पानी नहीं रुकता, उसी तरह से जनपद की पुलिस को किसी भी चीज की कोई परवाह नहीं है। नजर डालें अगर पुलिस की कार्यप्रणाली और पूर्व में हुई लूटों पर तो –
1- दो मार्च को चौक स्थित चन्द्रभान जगदीश नरायन के मुनीम सुमित कटियार पुत्र सुरेश निवासी मसेनी व पंकज दीक्षित पुत्र ओमप्रकाश निवासी अजमतपुर शमसाबाद से बाइक पर सवार होकर लौट रहे थे। उनसे दो लाख रुपये की लूट हो गयी। पुलिस ने मामला भी दर्ज किया लेकिन खुलासा नहीं।
2- 16 मार्च को शमसाबाद थाना क्षेत्र में आर्यावर्त ग्रामीण बैंक से 30 हजार रुपये निकालकर जा रहे रिटायर्ड शिक्षक रामऔतार के साथ बाइक सवारों ने लूट कर ली। पुलिस खुलासा नहीं कर पायी।
3- 10 अप्रैल को कमालगंज के सर्राफा व्यापारी के साथ मोहम्मदाबाद कोतवाली क्षेत्र में ससुराल जाते समय कुछ नामजद लोगों ने लूट कर ली थी। मामले की तहरीर थाने में दी गयी।
4- 23 अप्रैल को बरेली के आलू व्यापारी इरफान के साथ आठ लाख 32 हजार रुपये की लूट शहर कोतवाली क्षेत्र के सातनपुर मण्डी के पास हो गयी। हालांकि इरफान ने पुलिस को अपने ही पल्लेदारों द्वारा काण्ड करने का शक जताया तो पुलिस ने 25 अप्रैल को चार आरोपियों सहित सात लाख रुपये बरामद कर लिये। लेकिन एक लाख 32 हजार रुपये अभी भी पुलिस वापस नहीं दे पायी।
5- 30 अप्रैल को सीएमओ कार्यालय में तैनात आयुर्वेदिक चिकित्सक डा0 धीरेन्द्र तिवारी ने स्टेट बैंक फतेहगढ़ से एक लाख 85 हजार निकाले। जिन्हें पल्सर सवार लुटेरों ने लूट लिया और फरार हो गये। खुलासा अभी तक नहीं किया गया।
6- 13 अगस्त को सनसनीखेज बारदात रोशनाबाद ग्रामीण बैंक से दिनदहाड़े असलाहधारी बदमाशों ने 11 लाख रुपये की लूट कर ली। पुलिस ने अभी तक पूरा रुपया बरामद नहीं कर पाया।
7- 27 अगस्त को इतिहास फिर दोहराया गया। कमालगंज के सर्राफा व्यापारी सोनू तिवारी के साथ सशस्त्र बाइक सवार बदमाशों ने तमंचे की बल पर सात लाख की नगदी इत्यादि लूट ली।
कुल मिलाकर मुख्य लूटों के अलावा चैन स्नेचिंग, छोटी मोटी अन्य लूटों को मिलाकर दो दर्जन से अधिक मामले जनपद के एफआईआर रजिस्टर में दर्ज हैं और कुछ नहीं भी। कार्यवाही न होने से बदमाशों के हौसले बुलंद हैं और जिसका जीता जागता उदाहरण उन्होंने सोमवार को पुनः फतेहगढ़ क्षेत्र के नेकपुर पुल से नीचे उतर रहे सर्राफा व्यापारी संतोष वर्मा को तमंचे से गोली मार दी और पांच लाख रुपये की नगदी व जेबर लूटकर फरार हो गये। पिछले इतिहास पर अगर नजर डालें तो खुलासे के नाम पर पुलिस जीरो ही रही है।