कन्या विद्या धन के आवेदन जमा करने में गोलमाल

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फर्रुखाबाद: जनपद में कन्या विद्या धन फार्म जमा करने में गोलमाल के चलते शासन की योजना को जिम्मेदार अधिकारियों ने मजाक बना दिया। जहां पात्र अभ्यर्थी अपने फार्म जमा करने व 35 हजार का आय प्रमाण पत्र बनवाने के लिए चक्कर काट काट कर थक कर बैठ गये। वहीं अपात्र लोगों को घूस के बल पर 35 हजार का आय प्रमाणपत्र बनवाने के साथ ही पीछे की खिड़की से फार्म भी जमा कर लिये गये। इतना ही नहीं डीआईओएस कार्यालय में 20 सितम्बर अंतिम दिन निकल जाने के बाद भी अभी तक यह तय नहीं किया जा सका कि जनपद में कन्या विद्या धन के लिए कुल कितने आवेदन जमा किये गये हैं। जिससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि अभी भी कर्मचारियों व अधिकारियों की मिलीभगत के चलते विद्या धन के फार्म घूस लेकर जमा किये जा रहे हैं।

जानकारी के अनुसार जनपद में कन्या विद्या धन योजना के अन्तर्गत शासन स्तर से मात्र 1224 छात्राओं को योजना का लाभ दिया जाना था। लेकिन अधिकतर अपात्र लोगों ने लेखपालों को 1000 से 1500 रुपये तक की घूस देकर 35 हजार या उससे कम वार्षिक आय का प्रमाणपत्र बनवाकर कन्या विद्या धन के लिए आवेदन कर दिया। जिससे जनपद में लगभग साढ़े चार हजार से अधिक फार्म जमा हो चुके हैं। अब तक तो कन्या विद्या धन के लिए आय प्रमाणपत्रों में लेखपालों की जहां चांदी रही। अब मामला जीआईसी कालेज व डीआईओएस कार्यालय तक पहुंच चुका है। दलालों व बीच के अन्य चलते पुर्जे के लोगों ने डीआईओएस कार्यालय के चक्कर काटने शुरू कर दिये। जिससे 20 सितम्बर को अंतिम तिथि होने के बाद भी सूत्रों का तो यही कहना है कि जेबें गरम करके फार्मों को पीछे की खिड़की से अभी भी जमा किया जा रहा है। जिससे अभी तक डीआईओएस कार्यालय में यह तय नहीं किया जा सका है कि जनपद में कन्या विद्या धन के लिए कुल कितने फार्म जमा किये गये हैं।

जनपद में अधिकारियों की ढिलमुल कार्यप्रणाली व कर्मचारियों और बाबुओं की घूसखोरी का यही हाल रहा तो कन्या विद्या धन योजना में गरीब घूस न दे पाने के कारण पीछे छूट जायेंगे और अपात्र व धनाढ्य/ऊंची पहुंच वाले ही इसका लाभ उठा पायेंगे। यही हाल आय प्रमाणपत्र बनवाने का रहा और यही हाल अब कम्प्यूटर पर फार्म चढ़ने के बाद डीआईओएस कार्यालय में नजर आ रहा है।

वही जेएनआई रिपोर्टर द्वारा डीएसओ नंदलाल वर्मा से शुक्रवार को विद्या धन के अब तक आये कुल फार्मों के बारे में पूछा तो उन्होंने तुरंत ही अपने कम्प्यूटर आपरेटर से दिखावे के तौर पर बुलाकर पूछा कि अब तक कितने आवेदन जमा हो चुके हैं। तो वह बता नहीं सका। इस पर डीआईओएस बोले कि हमें लगता है कि तुम लोग गोलमाल कर रहे हो। वरना अब तक पूरा व्यौरा आ जाना चाहिए था।