मुख्यमंत्री के मंसूबो पर पानी: बरौन पीएचसी में ताले, मरीजो को दवाइयों के लाले

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फर्रुखाबाद: सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था को भले ही सुधार के लिए सरकारी खजाने को दोनों हाथो से लुटा रहे हो लेकिन उनके मंसूबो पर स्वास्थ्य विभाग पानी फेरने पर अमादा है| लेकिन यह बात तब और महत्वपूर्ण हो जाती है जब स्वास्थ विभाग के आला अधिकारी भी इस काम में अपनी अहम भूमिका निभा रहे हो| बरौन से पहले शहर के  लोहिया अस्पताल जिसे मुलायम सिंह यादव ने अपने शासन काल में बनवाकर जनता को सौपा लेकिन स्वास्थ कर्मचारियों और अधिकारीयों भ्रष्टाचार के चलते लोहिया अस्पताल की स्थिति बद से बत्तर हो गयी है। यही स्थिति नव निर्मित बरौन स्थित स्वास्थ केंद्र की होनी शुरू हो गयी है| स्वास्थ केंद्र का उद्घाटन हुए अभी एक सप्ताह भी नही गुजरा की कर्मचारी लापरवाही और कामचोरी पर उतारू हो गए| ना ही समय से सवास्थ केंद्र खुल रहा है और नाही मरीजो को ठीक तरीके से दवाईया वितरित की जा रही है|

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 14 सितम्बर को लखनऊ से ही प्रदेश के लिए करोडो रूपए की स्वास्थ सेवाओ की शुरुयात की थी| जिसमे जनपद को कई अम्बुलेंसो के अलावा बरौन पीएससी को भी जनता के लिए खोल दिया गया| सीएम के उद्घघाटन के बाद से ही बरौन पीएससी पर तैनात स्वास्थ कर्मचारी अपने पुराने ढर्रे पर आ गए है| कर्मचारी अस्पताल में तालाबंदी कर एक कमरे में मजमा लगाकर बैठ जाते है और मरीज दवाई लेने के चक्कर में टेबिल दर टेबिल भटकता रहता है नाही उसे ठीक से कोई देखने वाला है और नाही दवाई मोहैया करने वाला| जिस कक्ष में देखो सिर्फ ताले ही ताले नजर आते है और कर्मचारी सारा दिन या तो अस्पताल ही नही आते और या आते भी है तो पूरा दिन गप्प सडाको में ही गुजार देते है|