हजार जवाबों से अच्छी है मेरी खामोशी: प्रधानमंत्री

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कोयला घोटाले पर लोकसभा में भारी हंगामे के बीच आज प्रधानमंत्री ने अपना बयान पढा। हालांकि बीजेपी के विरोध के कारण वे अपना पूरा बयान नहीं पढ पाये और उनके बयान को सुना भी नहीं जा सका।अपने बयान में प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझ पर लगाये गये आरोप बेबुनियाद हैं और वे तथ्यों पर आधारित नहीं है। विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने शेर पढा:

हजार जवाबों से अच्छी है मेरी खामोशी,

जिसने जाने कितने सवालों की लाज रखली

पीएम ने सफाई देते हुए कहा कि विभाग द्वारा लिये गये फैसले की वे जिम्मेदारी लेते हैं। लेकिन उन्होंने कहा कि  विपक्ष के आरोपों का कोई आधार नहीं है, उन्होंने कहा कि सीएजी की रिपोर्ट और नुकसान का आकलन विवादास्पद है। उन्होंने खुद पर लगाए गए विपक्ष के सभी आरोपों को गलत बताया और कहा कि संसद की कार्यवाही इस तरह नहीं चलने देना बेहद अफसोसनाक है। उन्होंने विपक्ष को संसद में मुद्दे का सामना करने की चुनौती दी। उन्होंने कहा कि मुझे बोलने का मौका दिया जाना चाहिए। फिर वह बोले, श्हजारों जवाबों से अच्छी है मेरी खामोशी, न जाने कितने सवालों की आबरू रखी।

इसके बाद उन्होंने एक बार फिर कैग की रिपोर्ट को खारिज किया। उन्होंने विपक्ष से आह्वान किया कि वह संसद में बहस चलने दे ताकि लोगों को इस मामले पर जवाब मिल सके। पीएम के बयान को सदन के पटल पर रख दिया गया है। लोकसभा में बयान देने के बाद प्रधानमंत्री ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में विपक्ष से अपील की कि वह सदन को चलने दें जिससे कि चर्चा हो सके और देश यह जान सके कि सच्चाई क्या है?