बाबा रामदेव की लीला में भारत के शहीदों का अपमान

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बाबा रामदेव जिस देश को भ्रष्‍टाचार से मुक्‍त कराने की कोशिश कर रहे हैं, उसी देश के शहीदों का खुला अपमान उनके मंच पर हुआ। रामदेव के मंच पर भगत सिंह और राजगुरु समेत कई शहीदों के बीच में बाल कृष्‍ण का पोस्‍टर लगाकर शहीदों का अपमान किया गया। यह खबर मीडिया की सुर्खियां बनने के बाद ही पोस्‍टर हटा दिये गये ।

हुआ यूं कि रामलीला मैदान पर मंच के दोनों ओर एक जैसे दो पोस्‍टर लगाये गये, जिसमें देश के तमाम शहीदों को दर्शाया गया। इस पोस्‍टर में एक दम बीच में बाल कृष्‍ण की फोटो और उनके अगल-बगल शहीद भगत सिंह और राज गुरु की। उनके बाद बाकी के शहीदों की तस्‍वीरें। अब सवाल यह उठता है कि बालकृष्‍ण का ओहदा शहीदों के बाराबर कैसे हो गया।

बाल कृष्‍ण जिसके ऊपर धोखाधड़ी के तमाम केस चल रहे हैं, उसे भगत सिंह और राज गुरु के साथ रखकर बाबा के मंच पर शहीदों का घोर अपमान हुआ है।

बाबा रामदेव हमेशा मंच पर पहुंचते ही अपना संबोधन शुरू करते थे, लेकिन रामलीला मैदान पर पहुंचने के बाद वो चुपचाप बैठ गये। यानी यह साफ है कि बाबा रामदेव को इस बात का अहसास हो गया है कि मीडिया व पूरा देश उनसे सवाल पूछेगा कि आखिर उनके मंच पर शहीदों का अपमान कैसे हुआ।

कुल मिलाकर देखा जाये तो किसी भी आंदोलन में कुछ भी होता है तो उसकी जिम्‍मेदारी उसके लीडर की होती है। यानी बाबा रामदेव ही इसके लिये जिम्‍मेदार हैं। और यह सब अंजाने में नहीं हुआ, बल्कि पूरी प्‍लानिंग के साथ पोस्‍टर के ऑर्डर दिये गये और उन्‍हें लगावाया गया। बाबा रामदेव लगातार रामलीला मैदान की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे, तब उन्‍होंने यह क्‍यों नहीं सोचा।