संसद के मॉनसूत्र सत्र के पहले दिन असम हिंसा पर चर्चा के दौरान बीजेपी के सीनियर लीडर लालकृष्ण आडवाणी के यूपीए-2 सरकार को पैसों के बल पर बचाने के बयान पर हंगामा खड़ा हो गया। आडवाणी के बयान पर यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी गुस्से से तमतमा गईं। उन्होंने आडवाणी के बयान का जोरदार तरीके से विरोध किया। सोनिया गांधी पहली बार सदन में इतने गुस्से में दिखीं। बाद में आडवाणी ने अपना यह विवादित बयान वापस ले लिया।
आडवाणी ने असम हिंसा पर चर्चा के बीच में अचानक कहा कि यूपीए-1 सरकार चुनाव जीतकर बनी, लेकिन यूपीए-2 सरकार को पैसे देकर बचाया गया। आडवाणी का इतना कहना था कि सदन में हंगामा शुरू हो गया। हालांकि, बाद में आडवाणी ने अपना यह विवादित बयान वापस ले लिया। उन्होंने कहा कि उन्होंने यह बात 2008 के अविश्वास प्रस्ताव के संदर्भ में कही थी। बीजेपी नेता सुषमा स्वराज ने भी आडवाणी के इस बयान पर सफाई दी। उन्होंने कहा, ‘आडवाणी ने यूपीए सरकार को असंवैधानिक नहीं कहा। उन्होंने यह बात स्वीकार भी की है। उन्होंने अपना बयान 2008 के अविश्वास प्रस्ताव के संदर्भ में दिया था।’
इससे पहले असम की हिंसा के मुद्दे पर कार्यस्थगन प्रस्ताव को लेकर बीजेपी सदस्यों के हंगामे के कारण मॉनसून सेशन के पहले दिन लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने के करीब 20 मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई और प्रश्नकाल नहीं चल सका। इसके बाद 12 बजे कार्यवाही शुरू होने पर आडवाणी के यूपीए को लेकर दिए गए एक बयान पर सदन में जमकर हंगामा हुआ। यूपीए के बारे में आडवाणी ने कहा था कि करोड़ों रुपये देकर यूपीए की सरकार बचाई गई। शिंदे ने आडवाणी बयान वापस लेने की मांग की वहीं, सोनिया गांधी ने इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई। लोकसभा में बयान पर हुए जबरदस्त हंगामे के बाद आडवाणी को बयान वापस लेना पड़ा।