कार्य कुशलता से नहीं, जुगाड़ से चलेगी नगरपालिका फर्रुखाबाद

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फर्रुखाबाद: जब पत्ते कमजोर हो और सत्ता भी फुर्र हो जाये तब राजनीति की गाडी जुगाड़ से चलती है| फर्रुखाबाद नगर पालिका परिषद् को भी जुगाड़ से पांच साल चलाने की तैयारी होने लगी है| एक साल बाद अविश्वास प्रस्ताव से बचत और विकास कार्यो के लिए लखनऊ से पैसे की आवक के लिए अब सपाइयो की जुगाड़ की जा रही है| पालिका अध्यक्ष के पहले दिन के व्यक्तव्य- “सभी सभासद पक्ष में है विपक्ष यहाँ है ही नहीं” का बड़ा मतलब है| यानि सब मिलकर खाओ कमाओ| बिना विपक्ष के लोकतंत्र के क्या मायने होंगे इसका एहसास जल्द होगा|

फिलहाल तो नयी जुगाड़ बैठाई जा रही है| वक्त के तकाजे को देखते हुए कम से कम 7 सभासदों को सपा के खेमे में रहने के लिए कहा जा रहा है| यह अंदरखाने तय है कि यह सात सभासद सपा में रहकर भी गीत बसपा और वत्सला अग्रवाल के ही गायेंगे| तय तो यहाँ तक हुआ है कि जब सपा के 5 सभासद मनोनीत होकर हो जायेंगे तो 12 सभासद मिलकर सभासद दल का गठन कर लेंगे| ताकि जब भी सरकार से कुछ मांगने का मौका आये तब सपा सभासद दल को आगे कर दिया जाए| सपा में रहने के लिए जिन सभासदों को तैयार किया जा रहा है उनमे मुबीन की पत्नी अकबरी बेगम, धर्मेन्द्र कनौजिया, रफ़ी अंसारी, राम जी बाजपेई और फरीदा ताहिर के नाम मुख्य हैं| उम्मीद की जा रही है कि नामित सभासदों के नाम सरकार से पहली बैठक से पहले ही तय होकर आ जायेंगे| महानगर सपा अध्यक्ष महताब खान ने बताया कि नामित सभासदों के लिए नाम जिलाध्यक्ष के माध्यम से भेज दिए गए हैं|

वैसे तो किसी भी सदन में नामित सदस्यों की कुछ योग्यता होनी चाहिए| ऐसा देश की संसद में भी चलता है और और सविधान प्रदात है| नामित सदस्य किसी विशेष योग्यता के तहत हो| नगरपालिका में ये नामित सदस्य अनुशासित फौजी, पूर्व नगर नियोजक, समाजसेवी, विशेष क्षेत्र में कोई योगदान किया होना चाहिए| मगर कुंठित और कुत्सित होती राजनीति में सत्तादल का सदस्य होना ही पैमाना होता रहा है| जब रणजीत चक जैसे जेल विजिटर हो सकते है तो क्या योग्यता और क्या गैर योग्यता| नारे लगाने की योग्यता और जुगाड़ बिठाकर काम करना ही सबसे बड़ी योग्यता है आज के जमाने में|

कुल मिलाकर सपाइयों को नगरपालिका परिषद् में भागीदारी मिलेगी| ताकि पिछले घपले घोटाले पर कोई खास हो हल्ला न हो| जाँच का नंबर आये तो सपाइयों की जेबे गरम कर चुप करा दिया जाए| कुलमिलाकर नगरपालिका है तो उसी घर में जहाँ पिछले पांच साल में थी| ईंटो के कारखाने से लेकर स्ट्रीट लाईट की सी ऍफ़ एल खरीद की फाइले अभी तक वहीँ है| जुगाड़ तो जुगाड़ है| अब मनोज की जुगाड़ पर सपाइयों की सवारी कराने की तैयारी है|