थाना पुलिस ने नहीं लिखी अपहरण की रिपोर्ट, एएसपी बोले घटना मनगढ़ंत

Uncategorized

फर्रुखाबाद: थाना शमशाबाद क्षेत्र के ग्राम चिलसरा निवासी अफसार का बीते 2 जून को थाना मऊदरवाजा क्षेत्र से अपहरण हो गया था। किसी तरीके से बीते दिन अफसार बदमाशों के चंगुल से बच निकला और राजेपुर थाने पहुंच गया। राजेपुर से अफसार को मऊदरवाजा थाने लाया गया। लेकिन पीड़ितों के लाख मिन्नतें करने के बावजूद थाना पुलिस ने रिपोर्ट तक दर्ज नहीं की। हद तो तब हो गयी जब एएसपी ओमप्रकाश सिंह के पास शिकायत लेकर पहुंचे पीड़ितों को घटना मनगढ़ंत बताकर एएसपी ने वापस कर दिया।

कागजों में अपराध कम दर्शाने के लिए पुलिस द्वारा रिपोर्ट दर्ज न करना एक आम बात है, लेकिन जब न्याय की आस में थाना पुलिस की शिकायत करने पुलिस के उच्चाधिकारियों के पास पीड़ित पहुंचे तो उसे धिक्कार कर लौटा दिया जाये तो इससे आम आदमी का पुलिस से विश्वास उठना तय है। एसी ही एक पीड़ित चिलसरा निवासी अफसार की मां मुनीशा पत्नी इस्लाम थाना मऊदरवाजा पुलिस द्वारा अपहरण की नामजद रिपोर्ट दर्ज न करने पर न्याय की आस में शनिवार को अपर पुलिस अधीक्षक ओमप्रकाश सिंह के पास पहुंची। पीड़िता ने कहा कि उसके गांव के ही डा0 शकील व हैवतपुर गढ़िया निवासी कयूम व अच्छे मियां ने ही उसके पुत्र का अपहरण किया है। उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर कार्यवाही की जाये। जिस पर एएसपी ने कहा कि  अपहरण की घटना मनगढ़न्त है। जिस पर मुनीशा को निराशा लेकर वापस लौटना पड़ा।

जो भी हो थाना मऊदरवाजा पुलिस तो अपहरण में शामिल लोगों को बचाना ही चाहती है लेकिन पुलिस के उच्चाधिकारी किसी अपहरण की घटना को जांच किये बिना मनगढ़ंत बता दें यह निष्पक्ष नहीं लगता।

कोई भी घटना जांच से पहले ही सही या गलत नहीं हो सकती। पुलिस को चाहिए कि सबसे पहले पीड़ित की रिपोर्ट दर्ज की जानी चाहिए। बाद में कानून जो भी हो कार्यवाही की जाये। लेकिन यहां तो एएसपी साहब ने जांच से पहले ही घटना संदिग्ध व मनगढ़ंत मान ली तो अब आम आदमी को न्याय तो दूर न्याय की आश भी छोड़नी ही पड़ेगी। जब किसी विभाग के आला अधिकारी ही अपराधियों को बचाने में जुट जायें तो फिर अपराधियों के सीने चौड़े होना लाजमी है। यही कारण है कि जनपद में ही नहीं पूरे प्रदेश में अपराधिक घटनायें बढ़ रहीं है। पुलिस घटनाओ को संदिग्ध मानकर हाथ पर हाथ धरे बैठी है।