कैमरे की 101 नजर से- मतदान कर्मी से पुलिस प्रशासन तक चुस्त और मुस्तैद

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फर्रुखाबाद: यूं तो सुर्खियाँ कई खबरों की बनती है| मगर परदे की पीछे की मेहनत लगन और निष्ठां आम तौर पर नहीं दिखती| जे एन आई ने कोशिश की है कि चुनाव की हर तस्वीर आप तक पहुचे| भाग दौड़, नेता, लाठी चार्ज बहुत छपा और देखा होगा| मगर एक तस्वीर जो इन सबको मिलकर बनती है वो है कर्तव्य का बोध| ये तस्वीरे कर्तव्यो के पालन की मुस्तैदी दिखाती है| आयोग का चाबुक कहें या खुद का जगता जमीर| जिन सरकारी कर्मिओं को अक्सर काम न करते हुए देखा जाता है वे भी चुनाव जैसे काम को मजबूरी या नौकरी के कारण ही सही सजगता से अंजाम देते है| वही सरकारी कर्मचारी है और लोकसेवक| जिनके विभिन्न रूप भिन्न भिन्न सरकार और हुक्मरान (जिलाधिकारी) के राज में देखने को मिलते है, मगर चुनाव में सब एक जैसे मुस्तैद| ऐसा क्यूँ है? तस्वीरे कुछ इनकी मेहनत और सजगता को जाहिर करती है तो इस बात पर भी सोचने को मजबूर करती है कि ये अपने उत्तरदायित्वो का पालन ईमानदारी से हमेशा क्यूँ नहीं करते| जरा सोचिये जे-एन-आई के साथ-

पाठको से हम माफी चाहते हैं क्यूंकि हमे फोटो गैलरी हटानी पड़ रही है| फर्रुखाबाद के पाठको में इस वेबसाइट को पढ़ने सारे रिकॉर्ड चुनाव में तोड़े हैं| नतीजा यह हुआ कि सर्वर ओवर स्टेक की स्थिति में आ गया| इस कारण फोटो हटाने पड़ रहे है| जल्द ही dedicated सर्वर का इंतजाम किया जा रहा है| पाठको के उत्साह और जेएनआई से मिलने वाला विश्वास हम कायम रखने के लिए कोशिश में लगे है| इस नए इंतजाम से जेएनआई पर अचानक 1.50 लाख सालाना का भार अतिरिक्त पड़ने जा रहा है| पाठको के प्यार और विश्वास के लिए इस पैसे का इंतजाम भी किया जायेगा| कई पाठको ने भरोसा दिया है कि वे अपने विज्ञापन अखबारों में न देकर इस साईट पर देंगे और मदद करेंगे| इसके लिए पाठको के लगातार हमें फोन भी आ रहे है|

आप की इस पेशकश के लिए धन्यवाद|

पंकज दीक्षित