खबरीलाल का रोजनामचा- क्या बात है सुशील जी, इस बार तो यंग्री यंग मैन लग रहे हो

Uncategorized

भीषण गर्मी से मरे रविवार को प्रमुख प्रत्याशियों की उनके पतियों, समर्थकों के जबर्दस्त दरबाजे-दरबाजे की करवेसिंग के चलते नगर पालिका के अध्यक्ष पद का चुनाव निर्णायक दौर में प्रवेश कर गया है। खबरीलाल ने छुट्टी केवल रोजनामचा लिखने की ली थी। परन्तु कल साप्ताहिक अवकाश के दिन वह प्रातःकाल पांच बजे से देर रात तक सक्रिय रहे। ताकझांक करते रहे। हाल चाल लेते रहे। प्रत्याशियों की रणनीति का जायजा लेते रहे। कुछ प्रमुख प्रत्याशियों से उन्होंने बात भी की।

खबरीलाल ने यह सिलसिला आज सोमवार को भी जारी रखा। गली मोहल्लों, कूंचों में हर तरफ दीवारों, दरबाजों, छज्जों पर रंग विरंगे पोस्टरों का नजारा देखने लायक है। प्रशासन द्वारा आचार संहिता की लाख दुहाई देने पर भी पोस्टरों का चुनावी खेल रुक नहीं रहा है। पोस्टर हटाये जाते हैं। थोड़ी देर में फिर लग जाते हैं। वह तो यह कहिए शहर के बहुत से हिस्सों में इस समय बंदरों का आतंक है। पोस्टरों को चिपकाने में मैदा या आटे की लेई के कारण बानरसेना ताजे लगे पोस्टरों को फाड़ने नोचने और पीछे लगी लेई का स्वाद लेने में जरा भी देर नहीं करती। जो कुछ भी है सब मिलाकर सभासदी के प्रत्याशियों ने नगर के कोने-कोने को रंगीन कर दिया है। अध्यक्षी के प्रत्याशी भी इस रंगभरो प्रतियोगिता में अपना योगदान कर रहे हैं।

खबरीलाल ने भी अपना स्टाइल बदला है। रास्ता चलता जो मिल जाता उससे प्रत्याशियों की तर्ज पर स्वयं दुआ सलाम कर लेते हैं। हाल चाल पूछ लेते। कल सुबह-सुबह किराना बाजार, तिकोना, टाउनहाल, भीकमपुरा, बीबीगंज पहुंच गए। पता लगा भाजपा किसान मोर्चा के प्रांतीय अध्यक्ष अपने सजातियों से दरबाजे जाकर पार्टी प्रत्याशी माला पारिया के लिए वोट मांग रहे। खबरीलाल ने भाजपा नेता से सीधे सवाल कर दिया। क्या बात है सुशील जी! इस बार आप चुनाव प्रचार के पहले दिन से एग्री यंगमैन की भूमिका में हैं। आपका कहना है कि भाजपा जीती तब फिर नगर पालिका के 150 वर्षों के भ्रष्टाचार की जांच होगी। सुशील जी बोले क्या करें खबरीलाल जी। यह जो राजनीति है न यह बड़ी खराब चीज है। विद्वेष के चलते सेनापति के कुछ उत्साही समर्थक मेरे सहित भाजपा के कुछ नेताओं पर नाला मछरट्टा समर्थक होने का आरोप लगाते हैं। लेकिन हम शतप्रतिशत पार्टी समर्थक हैं। आरोप कोई किसी पर लगा दे। अरे पार्टी है हम हैं। पार्टी मजबूत हम मजबूत। पार्टी कमजोर हम बेकार। सुशील शाक्य बोले अब खबरीलाल जी भले ही अतीत में हमारी कुछ कमियां कमजोरियां रही हों। परन्तु इस बार हम सब एकजुट होकर यह चुनाव अभी नही तो कभी नहीं की तर्ज पर लड़ रहे हैं। सत्यपाल सिंह बोले सुशील जी बिल्कुल सही कह रहे हैं खबरीलाल जी। हमारे साथ सदैव की तरह स्वर्गीय दयाराम जी शाक्य एवं ब्रहमदत्त जी का आशीर्वाद है। पूर्व सांसद मुन्नूबाबू, मेजर साहब, मिथलेश जी, रामबाबू वर्मा, भूदेव राजपूत, प्रियांशू, भास्कर सहित नगर का एक-एक नया पुराना, छोटा बड़ा नेता कार्यकर्ता सब कुछ भूलकर पार्टी प्रत्याशी और कमल निशान की आन वान शान को चमकाने और सफल बनाने में लगा है। खबरीलाल बोले भगवान करे ऐसा ही हो। अंतिम दिन तक ऐसी एकजुटता बनाए रखिए।

खबरीलाल वापसी में पक्के पुल से खराया खराया नाले मछरट्टे की ओर बढ़ गए। छुट्टी के दिन का नजारा, गजब की फर्ती और उत्साह। हर आरोप से वेपरवाह कार्यकर्ता जंग में जूझने की तैयारी के साथ उमंग उत्साह से लवरेज। खबरीलाल को देखकर विधायक के बहुत से सहयोगी उनके पास आ गए। एक ने पूछा खबरीलाल जी बताइए क्या खबर है। खबरीलाल बोले देखो भैया इस बार मामला बहुत कठिन लगता है। हमारी बात का बुरा न मानना। भाजपा वाले अपनी तीन महीने पहले हुई जबर्दस्त हार का बदला लेने के लिए कमर कसकर इस बार लगे हुए हैं। भाजपा वाले हमारे खिलाफ हर बार कमर कसकर लगे ही रहते हैं। एक उत्साही कार्यकर्ता बोला। इसी बीच चुनाव प्रचार के लिए सदर विधायक विजय सिंह भी आ गए। दमयंती सिंह को उन्होंने महिलाओं की टीम के साथ रवाना किया। स्वयं खबरीलाल से मुखातिब होकर बोले हां भैया कुछ हाल चाल हमें भी बताओ।

खबरीलाल बोले इस बार तुम्हारी उस्तादी खतरे में लगती है। विजय सिंह ने हाथ जोड़ विनम्रता की साकार मूर्ति होकर कहा भैया! हम सीधे सादे दर्जा नौ पास (हाईस्कूल फेल नहीं) आपके बीच के आदमी हैं। हमने कभी किसी से कहा हो कि हम उस्ताद हैं। उस्तादों के उस्ताद हैं। तब फिर आप हमारे पर गुस्सा कीजिए। हमने अपने विषय में कभी कुछ छिपाया नहीं। हम जो कुछ भी हैं वह सब पुलिस के रिकार्ड में दर्ज है।

खबरीलाल बोले यह सब तो ठीक है। लेकिन तुम्हारा चक्कर क्या है। जिन सलमान खुर्शीद ने स्वर्गीय ब्रहृमदत्त द्विवेदी की हत्या के समय तुम्हें अपने यहां शरण दी। तुमने उन्हीं की पत्नी की जमानत जप्त करा दी। और तो और साहित्य पुरातत्व, इतिहास कविता, विरादरी, राजनीति सहित विविध विधाओं के पारंगत लोगों को तुमने धूल चटा दी। भाजपा के विनय कटियार जहां अपनी जनसभा कर गए। उसी गांव के लोगों ने विधानसभा चुनाव में तुम्हारी जीत की नींव रख दी। हमसे मत कहलवाओ तुम क्या हो। यह तुमसे अच्छी तरह कौन जानता है। फिर भी सपा के शिवपाल जितनी बार तुम्हारे यहां आये उतनी बार तो वह शायद जिले में सपा के किसी नेता के यहां नहीं गए। कल्याण सिंह, नटवर सिंह, अजीत सिंह किस-किस का नाम बतायें। नगर और जिले की तो बात ही मत करो। कुछ दिलजलों या नैतिकता और सिद्धान्तों की दुहाई देने वालों के अतिरिक्त किसी भी राजनैतिक दल का कौन नेता, कार्यकर्ता, पदाधिकारी ऐसा है जो वक्त पड़ने पर तुमसे टकराता नहीं है। खबरीलाल ने विधायक को बल्ली पर चढ़ाने के अंदाज में कहा।

विधायक विजय सिंह खबरीलाल की बातें बड़े गौर से हाथ जोड़े सुनते रहे। बोले चुनाव प्रचार में जा रहे हैं। आज कुछ नहीं कहेंगे। हमारी बड़ी लंबी और दुखभरी कहानी है। किसी ने कभी सुनने की जरूरत ही नहीं समझी। पहली बार आपने भैया बात छेड़ी है। हम भी आपको विस्तार से बतायेंगे, सही समय पर। लेकिन एक बात हम जरूर कहेंगे। आज की राजनीति जातिवाद पर सवार है। जिले में हमारी विरादरी के दस वोट भी नहीं हैं। परन्तु आप देख लीजिए आज हर विरादरी के हमारे भाई बन्धु हमारे साथ हैं। हमारे ऊपर जब-जब हमले हुए। अपने संगी साथियों के बल पर हम और मजबूत हुए। कोई कुछ भी कहे। हमें गालियां दे हमारे ऊपर आरोप लगाए। परन्तु जब तक हमारे साथ नगर के युवाओं, बुजुर्गों, माताओं, बहिनों का प्यार और दुलार है। कोई हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता। इतने विश्वास के साथ अपनी बात कहने के बाद विधायक विजय सिंह अपने चुनाव प्रचार के लिए चल दिए। खबरीलाल ने भी विशयू गुडलक कहकर अपनी राह पकड़ी।

साहबगंज के आस पास का तो नजारा नाले मछरट्टे और भाजपा के दावे को झुठलाता नजर आ रहा था। भले ही नगर की किसी भी ज्वलंत समस्या के समाधान के लिए विभिन्न राजनैतिक दलों के नेता कभी एक जुट न हुए हों। परन्तु इस बार ऐसा लगता है कि नाला मछरट्टा, भाजपा और लोहाई रोड को ध्वस्त करने के लिए सारे प्रमुख दल एकजुट हो गए हैं। सलमा बेगम का एक कट्टर समर्थक बोला हम भले ही हाथी से रिक्शे पर आ गए हों। हाथी वाले पुराने लोग हमारे साथ हैं। ठान, पठान और अंसारियों के साथ ही इस बार यदुवंशियों, तिलकधारियों, तोप तमंचा, तलवार के कुशल खिलाड़ियों सहित सारी जमातें हमारे साथ हैं। बसपा, सपा, कांग्रेस सहित सिंचाई विभाग की ठेकेदारी के हवाले भाजपा के कुछ दिग्गज नेता भी हमारे साथ लग गए हैं। हर जगह सलमा और उनके पति हाजी अहमद उनके परिवारीजन पूरी शिद्दत के साथ लगे हैं। खबरीलाल ने बहुत करेदा परन्तु सलमा और हाजी मुस्कराते रहे। बोले कुछ नहीं। उनकी तरफ से बोलने के लिए सपा और कांग्रेस के दिग्गज नेता आगे बढ़े। तब खबरीलाल उन्हें झकझोरने के अंदाज में बोले। आपकी बात और मजबूरी हम भलीभांति जानते हैं। यह तो हाजी जी का अपना निजी व्यवहार और खेल है। आपतो विधानसभा चुनाव में अपनी हैसियत दिखा ही चुके हैं। इतनी ही दरियादिली तीन महिने पहिले दिखा दी होती। तब फिर लंबी-लंबी बातें करने वाला आज फर्रुखाबाद से विधायक नहीं होता। खबरीलाल की बात पर दोनो दलों के नेताओं के चेहरे देखने लायक थे। आज बस इतना ही। वत्सला, शशीप्रभा, सोनाली गुप्ता सहित अध्यक्ष पद के शेष प्रत्याशियों के विषय में कल मिलेंगे। जय हिन्द

सतीश दीक्षित
एडवोकेट