फर्रुखाबाद: किसी बैंक से नोटों की गड्डी लेकर निकलते समय इस भूल में मत रहियेगा कि गड्डी के सारे नोट असली ही होंगे। सोमवार को आवास विकास कालोनी निवासी डा0 विपिन चौहान बैंक आफ इण्डिया की फतेहगढ़ शाखा से रुपये निकालकर इसी बैंक की सींगनपुर शाखा में जमा करने पहुंचे तो बैंक के कैशियर ने गड्डी के बीच में लगे हजार- हजार के दो नोट जाली बताकर कैश जमा करने से इंकार कर दिया। बेचारे हांफते, कांपते दोबारा फतेहगढ़ ब्रांच पहुंचे तो बैंक के कैशियर ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि आपको उसी समय देखना चाहिए था। उनके हो हल्ला मचाने के दौरान मीडियाकर्मियों के पहुंच जाने के कारण बाद में एडीएम ने पहुंचकर नोट बदलवाये।
नगर की आवास विकास कालोनी निवासी डा0 विपिन चौहान ने सोमवार को बैंक आफ इण्डिया की फतेहगढ़ शाखा के अपने बैंक एकाउंट से एक लाख 13 हजार रुपये निकाले व इन रुपयों को वह इसी बैंक की सींगनपुर शाखा में जमा कराने पहुंचे तो वहां के कैशियर ने एक-एक हजार के दो नोट फर्जी बता दिये। बेचारे डा0 चौहान घबराकर दोबारा फतेहगढ़ शाखा पहुंचे। जहां पर कैशियर ने नोट वापस करने से मना कर दिया। नतीजन वहां पर उनकी कैशियर से काफी देर तक विवाद होता रहा। बाद में मीडियाकर्मियों के पहुंचने की सूचना पर लीड बैंक मैनेजर एलडीएम ने वहां पहुंचकर जाली नोट वापस करवाकर मामला रफा दफा किया। मीडियाकर्मियों से वार्ता के दौरान एलटीएम ने स्वीकार किया कि कई बार जांच के बावजूद फर्जी नोट जमा हो जाते हैं।
उन्होंने बताया कि कई बार फर्जी नोटों की जांच कर पाना बैंक कर्मियों के लिए असंभव होता है।