लखनऊ. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के औचक निरीक्षण में गेहूं क्रय केन्द्रों की जांच में सामने आईं गंभीर अनियमितताओं को लेकर उन्नाव की डीएम अनामिका सिंह को उनके पद से हटा दिया है। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इस बाबत सरकार ने विभिन्न विभागों के चार अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है, जबकि चार अन्य को निलंबित कर दिया है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुक्रवार को उन्नाव जिले के कुछ गेहूं खरीद केंद्रों की औचक जांच की थी। मामले में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति आयुक्त अर्चना अग्रवाल, प्रादेशिक सहकारिता संघ की प्रबंध निदेशक संध्या अग्रवाल, आवश्यक वस्तु निगम के प्रबंध निदेशक एसके ओझा और कर्मचारी कल्याण निगम के अधिशासी निदेशक विजय बहादुर सिंह से कर्तव्य पालन में कोताही के आरोप में स्पष्टीकरण मांगा गया है।
प्रवक्ता ने यह भी बताया कि निगरानी के काम में ढील के आरोप में भंडारागार निगम के प्रबंध निदेशक ओमकार यादव, क्षेत्रीय अधिकारी उन्नाव सदानंद कुमार द्विवेदी, नेवतनी उन्नाव गेहूं क्रय केन्द्र के प्रभारी आमोद जैन और डाही चौकी क्रय केंद्र के प्रभारी संजय तिवारी को निलंबित क र दिया गया है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सभी जिलाधिकारियों को अपने-अपने जनपदों में गेहूं खरीद केन्द्रों का औचक निरीक्षण क रने तथा घटतौली के मामले प्रकाश में आने पर सख्त कार्रवाई करने के आदेश भी दिए। उन्होंने गेहूं क्रय केन्द्रों पर नजर रखने के लिए उप-जिलाधिकारियों तथा अन्य विभागीय अफसरों को तैनात करने के निर्देश दिए। यादव ने सभी मंडलायुक्तों से गेहूं की खरीद तथा उसके एवज में किसानों को होने वाले भुगतान की समीक्षा संबंधी बैठकें आयोजित करने को भी कहा है।
पीसीएफ के 31 अधिकारी और क र्मचारी निलंबित
यूपी सरकार ने गेहूं की खरीद में अनियमितता और लापरवाही बरतने के आरोप में प्रादेशिक सहकारी संघ के 31 अधिकारियों और कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश के सहकारिता मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने विभाग की समीक्षा बैठक के बाद 31 अधिकारियों व कर्मचारियों के निलंबन का आदेश देते हुए क हा कि गेहूं खरीद में कि सी तरह की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने यह भी आदेश दिया कि सहकारिता विभाग का कोई भी अधिकारी और कर्मचारी बिना किसी पूर्व सूचना के अपने तैनाती मुख्यालय को नहीं छोड़ सकता है और ऐसा क रने वाले को तुरन्त निलम्बित क र दिया जाएगा। यादव ने क हा कि पूर्ववर्ती बसपा राज में पूरा प्रदेश भ्रष्टाचार की चपेट में था।
मामलों की जांच क राई जा रही है।
दोषी पाए गए लोग दंडित होंगे।