सरकार ने माना बिचौलियों के कब्जे में हैं गेहूं क्रयकेन्द्र

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फर्रुखाबाद/कमालगंज: मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर जनपद में गेहूं क्रय केन्द्रों का निरीक्षण करने आये जीव जन्तु एवं उद्यान राज्य मंत्री डा0 शिव प्रताप सिंह यादव ने शुक्रवार को जनपद के गेहूं क्रय केन्द्रों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद राज्य मंत्री ने कहा कि जनपद में किसान गेहूं माफियाओं के सामने बोलने को तैयार नहीं है। सभी केन्द्रों पर बिचौलिये हावी हैं। मंत्री जी के ऐसे वयान से किसानों को तो कुछ फायदा मिलने वाला ही नहीं है वहीं गेहूं क्रय केन्द्रों पर दलालों व बिचौलियों के हौसले जरूर बुलंद हो रहे हैं। क्योंकि सरकार के मानने के बाद भी उन पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है।

राज्य मंत्री ने सबसे पहले विकासखण्ड कमालगंज का निरीक्षण किया। विकासखण्ड में उपस्थित रजिस्टर चेक कर एडीओ पंचायत श्याममोहन मिश्रा के साथ गेहूं खरीद केन्द्रों का निरीक्षण किया। सहकारी संघ पीसीएफ का कांटे पर मौजूद बाबू कैलाश ने बताया कि अभी तक 494 कुन्तल गेहूं की 6 मई तक खरीद की जा चुकी है। उसके बाद से बारदाना न होने से अभी तक खरीद नहीं की गयी है।

मण्डी समिति में मंत्री को खाद्य एवं रसद विभाग के तीन कांटे लगे हुए मिले। तीनों पर कोई भी अधिकारी या कर्मचारी नहीं था। थोड़ी देर बाद यहां पर सहकर्मी बालकराम ने बताया कि प्रभारी विजय सिंह कांटों पर आये नहीं है। उनके पास राजेपुर व अन्य कई जगह के चार्ज होने के कारण कम ही आ पाते हैं। कल्याण निगम के कांटे पर प्रभारी विश्वनाथ से राज्य मंत्री ने पूछा कि कितनी खरीद अभी तक कर चुके हो। उन्होंने बताया कि 745 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की जा चुकी है। जब रजिस्टर चेक किया गया तो शुक्रवार को बाजार के दिन कोई खरीद यहां पर नहीं की गयी। जिस पर मंत्री ने किसानों को इकट्ठा कर पूछा कि तुम्हारा गेहूं केन्द्रों पर खरीदा जा रहा है या नहीं।

इस पर कालाझाला निवासी किसान राजबीर ने बताया कि यहां पर जो आढ़ती कांटा लगाये हैं वही 10 रुपये 30 पैसे प्रति किलो के हिसाब से हमारा गेहूं खरीदते हैं। सरकारी कांटों पर हमारा गेहूं नहीं खरीदा जाता है। बिचौलियों व आढ़तियों का गेहूं यहां रात में तौल दिया जाता है। सुमित्तापुर निवासी किसान राधेश्याम ने कहा कि कांटे लगाकर सिर्फ दिखावा किया जा रहा है। किसानों से कोई गेहूं नहीं खरीदा जा रहा है। जो बसपा सरकार में कार्य प्रणाली चल रही थी वह आज भी है। कोई भी बदलाव नहीं हुआ है। अवैध बालू खनन में जो वसूली हो रही है। बिजली की समस्या से किसान जूझ रहे हैं। वाहनों से अवैध वसूली जारी है। जिस पर मंत्री जी ने कहा कि मैने नोट करा लिया है सभी समस्याओं से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को अवगत कराया जायेगा। मंत्री ने कहा कि किसान अपनी बात को कहने को कतरा रहे हैं। माफियाओं के डर से यहां का किसान मुहं नहीं खोल पा रहा है।

इसके बाद राज्य मंत्री शिव प्रताप यादव ने सातनपुर मण्डी में औपचारिक निरीक्षण किया। यूपी एग्रो के केन्द्र प्रभारी श्री निवास ने बताया कि उनके यहां उठान न होने के कारण 17 मई से खरीद बंद है। केन्द्र प्रभारी ने मंत्री से कहा कि खिमशेपुर स्थित गोदाम में हमारे ट्रैक्टर 15-15 दिन तक खड़े रहते हैं। पूछने पर किसान जगराम निवासी गुतासी ने बताया कि मैं 6 दिन से गेहूं लिये खड़े हैं। अब तक गेहूं की तौल नहीं करायी गयी है। इस पर मण्डी सचिव धर्मेन्द्र यादव ने बताया कि यह गलत कह रहे हैं ऐसा कुछ भी नहीं है। मण्डी सचिव ने बताया कि 14800 कुन्तल गेहूं खरीद का लक्ष्य दिया गया था जिसमें 10830 कुन्तल गेहूं की खरीद की जा चुकी है।

उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी राकेश ठेकेदार ने कहा कि यहां पर 16 मई से खरीद नहीं हो रही है। पीसीएफ केन्द्र पर निरीक्षण के दौरान किसान शिव प्रताप सिंह निवासी आतर ने मंत्री से शिकायत की कि कल से गेहूं लेकर पड़ा हूं लेकिन गेहूं खरीदने से मना कर दिया गया है। इस पर केन्द्र प्रभारी मुकेश ने बताया कि गाड़ी लगी हुई है इनकी तौल हो रही है। वहीं राजकीय गेहूं खरीद बंद था लेकिन मंत्री जी की भनक पाते ही केन्द्र प्रभारी विजय सिंह ने बोर्ड व कांटा टांगकर जान बचायी।

राज्य मंत्री ने बताया कि सभी केन्द्रों पर अनियमिततायें मिलीं हैं। केन्द्रों पर बिचौलिये व आढ़तियों का पूरा दबदबा है। किसान माफियाओं के आगे मुहं खोलने को तैयार नहीं हैं। मंत्री ने कहा कि सारी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भेज दी जायेगी। उन्हें सिर्फ जांच करने के लिए भेजा है।