मीनू ने लगायी प्रशासन से जीवनदान देने की गुहार

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फर्रुखाबाद: पिछले एक वर्ष से गंभीर बीमारी से पीड़ित मीनू प्रशासन से इलाज के नाम पर जीवनदान की भीख मांगती घूम रही है लेकिन उसकी सुनने वाला शायद कोई नहीं है। कोतवाली कायमगंज क्षेत्र के ग्राम चिलौली निवासी गरीब रामसेवक बाल्मीक की पुत्री मीनू के दोनो गुर्दे गल जाने से वह दर-दर अपनी बच्ची के इलाज के लिए भटक रहा है। बुधवार को पीड़ित मीनू ने जिलाधिकारी मुथुकुमार स्वामी से उसके गुर्दे का इलाज कराये जाने की मांग की है।

परेशान मीनू लगभग एक वर्ष से पेट की बीमारियों से पीड़ित है। मीनू के पिता अत्यधिक निर्धन हैं। जोकि इलाज तो दूर की बात है परिवार के खाने तक को मुस्किल से निवाला जुटा पाते हैं। फिर भी लाचार पिता प्रति महीने पुत्री की जान की खातिर दो हजार रुपये की दवाई का इंतजाम कर रहा है। पिछले एक साल से इलाज करवाते-करवाते अब उसके पास कुछ नहीं बचा है।

मीनू ने जिलाधिकारी से मांग की है कि वह बीए, बीएड है। वह जीना चाहती है उसका इलाज संजयगांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस लखनउ में नि:शुल्क करवाकर उसे जीवनदान देने का कष्ट करें। पीड़त ने इससे पहले 19 दिसम्बर 2011 में भी जिलाधिकारी से उसका इलाज कराये जाने की गुहार लगायी थी लेकिन बेचारी मीनू की तब भी किसी ने नहीं सुनी।