फर्रुखाबाद: बन्दर, मनुष्य के बाद प्रथ्वी का सबसे बुद्धजीवी प्राणी| मगर इन सबसे अधिक बुद्धजीवी एक और प्राणी है जिसे इस श्रेणी में रखा जा सकता है वो है “नेता”| कब किधर गुलाटी मार दे खुद नेता को भी पता नहीं होता| दोनों में जबरदस्त मेल| हवा में गुलाटी मार आधे रास्ते से लौटने की कला केवल इन्ही दोनों में है| इसलिए तो सरकारी नौकरशाह और नेताओ पर सूचना के अधिकार के चलते चाबुक के बीच एक RTI बंदरो पर भी पड़ गयी| अधिवक्ता दीपक द्विवेदी ने नगरपालिका में 5 सवालों की एक RTI लगायी| एक से लेकर पांचो सवालों में बन्दर ही छाया| मगर खबर ये नहीं है| खबर ये है कि नगरपालिका बंदरो से सम्बन्धित पांचो सवालों पर गच्चा खा गयी| अब सवाल ये है कि नगरपालिका बंदरो के सवालों पर गच्चा ज्यूँ खायी|
जबाब इसका भी है| नगरपालिका वर्तमान में नेता विहीन है| क्यूंकि गुलाटी मारने में चेम्पियन का जबाब तो कोई दूसरा इसी कला का माहिर ही दे सकता था, इसीलिए बंदरो के सवालों पर नेता विहीन नगरपालिका गच्चा खा ही गयी||
नगरपालिका फर्रुखाबाद ने बंदरो के सवालों पर जो जबाब सूचना के अधिकार पर दिए वे कोई चौकाने वाले नहीं है| मगर सवाल जरुर चकाने वाले हैं| वैसे सूचना के अधिकार में सवाल पूछने वाले से ये पूछने का नियम नहीं है ये सवाल क्यूँ पूछे लिहाजा जेएनआई भी नहीं पूछेगा| मगर पाठको के मस्तिष्क पर जोर डालने का अनुरोध जरुर करेगा कि खोजिये कि ये सवाल क्यूँ पूछे गए? RTI एक वकील की है लिहाजा सवाल कहीं न कहीं भविष्य में नया सवाल जरुर खड़े करने वाला है|
आप भी देखिये वकील दीपक द्विवेदी ने नगरपालिका से क्या पूछा-
पहला सवाल– नगरपालिका बताये कि फर्रुखाबाद नगरिय क्षेत्र में घूमने वाले आवारा कुत्ते, बन्दर, गाय, सांड, सूअर और अन्य जानवर मय बच्चो के कितने है?
उत्तर मिला– आवारा घूमने वाले बंदरो, कुत्तो, गायो, सांडो, गधो और सुअरों सहित अन्य जानवरों के पहचान चिन्ह न होने के कारण वास्तविक संख्या दिया जाना सम्भव नहीं है|
दूसरा सवाल– नगरपालिका परिषद् फर्रुखाबाद में उक्त आवारा जानवरों का रिकॉर्ड रखने वाला कर्मचारी कौन है? मय वल्दियत एवं पते का उल्लेख करे?
उत्तर मिला- नगरपालिका परिषद् फर्रुखाबाद में आवारा घूमने वाले जानवरों को पकडे जाने के उपरांत बेड़ारास में रखे जाने की व्यवस्था है जिसका समस्त रिकॉर्ड विनोद कुमार चतुर्वेदी, मोहर्रिर नगरपालिका के द्वारा रखा जाता है|
तीसरा सवाल- नगरपालिका फर्रुखाबाद ने उक्त आवारा घूमने वाले जानवरों खासकर बंदरो के लिए आज तक नागरिको की सुरक्षा के क्या क्या उपाय किये?
उत्तर मिला- (झूठा) आवारा घूमने वाले जानवरों को पकड़ने का अभियान पालिका द्वारा समय समय पर चलाया जाता रहता है| पूर्व में जनवरी 2010 में ये अभियान चलाया गया था| बंदरो से सुरक्षा हेतु नगरपालिका ने आज तक कोई इंतजाम नहीं किया|
चौथा सवाल- आये दिन नगर में बंदरो की बढ़ती हुई जनसँख्या बंदरो के काटने, कपडे फाड़ने, कीमती सामान नष्ट करने, बच्चो आदि के छत से गिरने की घटनाएं हो रही है| क्या इसके लिए नगरपालिका जिम्मेदार नहीं है? यदि हाँ तो नगरपालिका परिषद् फर्रुखाबाद ने बंदरो को पकड़ने, उनकी आबादी नियंत्रित करने के लिए क्या उपाय किये? और यदि नहीं तो कौन सी संस्था इस हेतु जिम्मेदार है?
उत्तर मिला- नगरपालिका परिषद् फर्रुखाबाद द्वारा बंदरो की आबादी कम करने के लिए कोई उपाय नहीं किये गए|
पांचवा सवाल- नगरपालिका परिषद् फर्रुखाबाद के क्षेत्र में आवारा घूमने वाले बंदरो का लिंगानुपात क्या है?
उत्तर मिला- नगरपालिका परिषद् फर्रुखाबाद द्वारा फर्रुखाबाद क्षेत्र में आवारा घूमने वाले बंदरो के लिंगानुपात की वास्तविक संख्या देना सम्भव नहीं है|