अप्रशिक्षित पीआरडी जवानों को संविदा चालक की ड्यूटी दिलाने में डीडीओ पर चार्ज

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फर्रुखाबाद: गैर प्रशिक्षित व गैर जनपदों के प्रांतीय रक्षक दल के जवानों को रोडवेज में संविदा चालक की ड्यूटी दिलाने के मामले में डीडीओ एके सिंह चंद्रौल फंस गए हैं। युवा कल्याण विभाग की ओर से कराई गई प्रारंभिक जांच में डीडीओ द्वारा पीआरडी जवानों की ड्यूटी से संबधित अभिलेख उपलब्ध न कराने पर उनको मुख्य आरोपी बनाया गया है।

युवा कल्याण विभाग में लंबे समय से गैर जनपद के अप्रशिक्षित पीआरडी जवानों को रोडवेज में संविदा चालक के पद पर ड्यूटी दिलाने का खेल चल रहा था। इसमें कुछ विभागीय कर्मचारी व दलाल शामिल थे। इस मामले की शिकायत पीआरडी होमगार्ड्स राज्यमंत्री नरेंद्र सिंह यादव से की गई थी। राज्यमंत्री के निर्देश पर मामले की जांच युवा खेल निदेशालय के वरिष्ठ अधिकारी आरएस तिवारी ने की थी। उन्होंने जांच के दौरान प्रभारी जिला युवा कल्याण अधिकारी जेएन शर्मा से समस्त पीआरडी जवानों की सूची व ड्यूटी रजिस्टर तलब किया था। प्रभारी युवा कल्याण अधिकारी ने संबंधित अभिलेख डीडीओ के पास होने का हवाला दिया। जांच अधिकारी आरएस तिवारी ने बताया कि डीडीओ, प्रभारी जिला युवा कल्याण अधिकारी, व्यायाम प्रशिक्षक व लिपिक ने जांच में जान बूझकर अभिलेख उपलब्ध नहीं कराए। इसलिए उन्होंने डीडीओ को मुख्य आरोपी बनाते हुए अपनी जांच रिपोर्ट युवा कल्याण महानिदेशक को सौंप दी। जांच अधिकारी ने बताया कि जांच रिपोर्ट की प्रति प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास को भी भेजी गई है। प्रभारी युवा कल्याण अधिकारी, व्यायाम प्रशिक्षक व कनिष्ठ लिपिक के निलंबित होने के बाद अब मामले की जांच संयुक्त निदेशक आरके राम कर रहे हैं।