नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि नोएडा के रिहायशी इलाकों में कोई पॉली क्लिनिक या नर्सिंग होम न चलाए जाएं। शीर्ष अदालत ने नोएडा प्रशासन से कहा है कि वह सुनिश्चित करे कि ऐसे प्रतिष्ठान सिर्फ कामर्शियल क्षेत्र में हों।
जस्टिस स्वतंत्र कुमार और रंजना प्रकाश देसाई की पीठ ने कहा कि डॉक्टर रिहायशी इलाकों में निजी क्लिनिक चला सकते हैं लेकिन तभी जब वह केवल मरीजों के देखने भर के लिए हो। उन्होंने कहा, ‘डॉक्टर ऐसे इलाकों में अपने घर में क्लिनिक चला सकते हैं लेकिन तभी जब वह नियमों के अनुसार हो।’
पीठ ने साफ किया, ‘डॉक्टर अपने क्लिनिक में मरीज को देखने के लिए टेबल, एक बेड और प्रथम उपचार की जरूरी चीजें रख सकते हैं। एक डेंटिस्ट डेंटल चेयर रख सकता है। लेकिन इसका फायदा उठाकर कोई पॉली क्लिनिक या नर्सिंग होम नहीं चलाया जा सकता।’
अदालत ने यह फैसला कुछ डॉक्टरों की एक याचिका पर सुनवाई के बाद दिया। याचिका में डॉक्टरों ने नोएडा के रिहायशी इलाकों में क्लिनिक बंद किए जाने के सुप्रीम कोर्ट के 5 दिसंबर के आदेश के बाद अपने क्लिनिकों के लिए वैकल्पिक जमीन की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट का 5 दिसंबर का फैसला नोएडा में रिहायशी इलाकों में बढ़ रहे बैंकों, क्लिनिकों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर दिया था।