असली शिक्षक नकली बच्चे- ये है बेसिक शिक्षा वाली नक़ल की पाठशाला

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मोहम्मदाबाद (फर्रुखाबाद): प्राथमिक विद्यालयों एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालयों की परीक्षायें मजाक बनी हुई हैं। कहीं अध्यापक व प्रधानाचार्य लेट लपेट आ रहे हैं तो कहीं स्कूलों में बच्चों को गाइड रखवाकर नकल करायी जा रही है। इससे साफ यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि बेसिक स्कूलों का क्या हाल है। इन्हें देखने के लिए प्रशासन की भी आंखों में मोतियाबिंदु हो गया है। प्रशासन को अध्यापकों व प्रधानाचार्यों के कारनामें दिखायी नहीं दे रहे हैं।

वैसे तो उत्तर प्रदेश में पूरी शिक्षा व्यवस्था का ही हाल बेहाल है। चारो तरफ नकल का साम्राज्य व्याप्त है। छात्र पढ़ाई में कम सैटिंग व जुगाड़ में ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। कोचिंग व ट्यूशन ने पढ़ाई के स्तर को सबसे निचले पायेदान पर लाकर खड़ा कर दिया है। छात्र डिग्री डिप्लोमा लेने की होड़ में कुछ भी करने के लिए तैयार हैं।

वहीं छात्रों की नकल का सिलसिला/आदत ऐसे ही नहीं पड़ गयी। छात्र कक्षा एक से ही प्राइमरी स्तर से नकल के आदी हो रहे हैं। यह नकल करने की आदत शिक्षकों की शिथिलता व छात्रों को न पढ़ाने से ईजात हो रही है।
शनिवार को क्षेत्र के गांव खिरिया मुकुंद में उच्च प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक बैठकर कक्षा आठ के बच्चों को गाइड से नकल करवा रहे हैं। यहां पर तैनात प्रधानाध्यापक मदनलाल व सहायक अध्यापक सत्यपाल सिंह से पूछने पर बताया कि यहां पर कुल 51 बच्चे पंजीकृत हैं जिनमें मात्र 35 बच्चे उपस्थित मिले। उनमें से भी कक्षा 8 के कुल 11 छात्र उपस्थित हैं।  नकल कराने की बात पर प्रधानाध्यापक व सहायक अध्यापक चुप हो गये।

वहीं प्राथमिक विद्यालय रैसेपुर में कुल 126 बच्चे पंजीकृत हैं। जिसमें मात्र 50 बच्चे उपस्थित मिले। जब पहुंचे तो साढ़े नौ बजे तक सहायक अध्यापक अजय कुमार ने बच्चों उपस्थिति दर्ज नहीं की। जब उपस्थिति लगाने के बारे में कहा तो उन्होंने कहा कि एमडीएम के समय ही उपस्थिति दर्ज कर लेते हैं। विद्यालय में प्रधानाध्यापक का पद रिक्त है।
उच्च प्राथमिक विद्यालय रैसेपुर में कुल पंजीकृत बच्चे 37 हैं। जिसमें 23 उपस्थित थे। यहां पर भी प्रधानाध्यापक धीरेन्द्र पाल सिंह ने सवा दस बजे तक बच्चों की उपस्थिति दर्ज नहीं की। वहीं सहायक अध्यापक ब्रिजेंन्द्र सिंह राठौर का एक मई से 5 मई तक न तो अवकाश लगा है न कोई साइन और कालम खाली छूटे हुए हैं।

प्राथमिक विद्यालय दाउदपुर साढ़े 10 बजे तक बंद मिला। प्रधानाध्यापक नरेन्द्र पाल, शिक्षामित्र अनाथ, प्रीती तैनात हैं। अतिरिक्त कक्ष में नेत्रपाल पुत्र रामदयाल निवासी दाउदपुर लगभग चार पांच साल से कब्जा जमाये हुए हैं। नेत्रपाल से बात करने पर बताया कि उन्हें हेडमास्टर ने ही रखा है।