आईटी सिटी बना सेक्‍स कारोबार का सबसे बड़ा अड्डा

Uncategorized

बेहतर जिंदगी और रोजगार के बहाने लड़कियों को अगवा करके वेश्‍यावृत्ति के दलदल में धकेलने वाले दलालों के लिए बेंगलुरू जन्‍नत बन गया है। ऐसे ही एक मामले में यहां की सुब्रामण्‍यपुरा पु‍लिस ने हाल ही में केपी सालेह उर्फ सालेहकुन्‍नी (59) और नफीसा बानो (38) को पकड़ा है। मूलरूप से केरल के निवासी ये दोनों मुंबई में रहते हैं। इन दोनों ने जेपी नगर में रहने वाली एक महिला को मस्‍कट में नौकरी दिलवाने का वादा किया और वहां रह रहे मंगलूर निवासी और अपने दोस्‍त शरीफ की मदद से उसे जिस्‍म के बदनाम पेशे में धकेल दिया।

पुलिस उपायुक्‍त (दक्षिण) सोनिया नारंग ने बताया ‘ मस्‍कट पुलिस की मदद से इस महिला को छुड़ा लिया गया है। बेंगलूरू आने के बाद इस महिला ने सुब्रामण्‍यम थाने में रिपोर्ट लिखाई जिसके बाद दोनों अभियुक्‍तों को गिरफ्तार कर लिया गया।’

पुलिस के एक वरिष्‍ठ अधिकारी ने बताया कि ग्रामीण इलाकों की खूबसूरत महिलाओं और लड़कियों को दलाल नौकरी का लालच देकर अपने जाल में फंसा लेते हैं। फिर वे उन्‍हें शहर लाते हैं और अच्‍छा घर तथा खाना मुहैया कराने के साथ साथ इन अभागी लड़कियों को रोजमर्रा का सामान भी दिलवा देते हैं। इसके बाद वे अच्‍छी नौकरी की तलाश करने का बहाना करते हैं और कुछ सप्‍ताह बीत जाने के बाद कहते हैं कि नौकरी तो मिल नहीं रही है लेकिन वेश्‍यावृत्ति में अच्‍छा पैसा मिल सकता है। अगर महिला मना कर दे तो उसके साथ जोरजबरदस्‍ती की जाती है।

पुलिस उपायुक्‍त डीएम कृष्‍णम राजू ने बताया कि पिछले साल मई महीने में सेंटर क्राइम ब्रांच ने मानव तस्‍करी रोकने के लिए एक सेल का गठन किया। यह विभाग अच्‍छा काम कर रहा है और इसने वेश्‍यावृत्ति सहित मानवतस्‍करी के कई मामलों का पता लगाया।