बहु को बेटे के पास सुला, कृपा आ जाएगी- निर्वल बाबा

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बाबाजी की जय हो| बाबाजी आप की कृपा से मेरे बेटे की शादी हो गयी अब और कृपा चाहिए| मैं बहुत परेशान हूँ| पोते का मुह देखना चाहती हूँ| निर्वल बाबा के दरबार में मुझ पर भी कृपा हो जाये महाराज| निर्वल बाबा के दरबार में जब महिला ने बोलना बंद किया तो बाबा जी बोले-

निर्वल बाबा- कहाँ से आई हो?
महिला- बाबाजी पटना से|
बाबा- बेटे की शादी कब हुई?
महिला- 2 साल हो गए महाराज जी|
बाबा- शादी लव मेरेज हुई या अरेंज?
महिला- अरेंज मेरेज हुई है मेरी दूर की भतीजी है|
बाबा- हूँ! तुम्हारी कृपा रुकी हुई है|
महिला- जी महाराज इसीलिए तो आपके पास आई हूँ|
बाबा- बहु से प्रेम करो रात को सोने से पहले उसका माथा चूमना|
महिला- (उत्सुकता से) बाबाजी मैं तो उसे बहुत प्यार करती हूँ उससे कोई काम भी नहीं कराती| उसे कोई कष्ट न हो इसलिए उसे अपने साथ ही सुलाती हूँ|

बाबा- (चेहरे पर कुटिल मुस्कान आ गयी) यहीं पर तो कृपा रुकी हुई है| तुम उसे थोडा प्यार करो, केवल माथा चूमो ज्यादा बेटे को करने दो| आज से बहु को बेटे के पास सुलाओ कृपा आनी शुरू हो जाएगी|

महिला- (प्रसन्नता से) जी बाबाजी जी आज से ऐसा ही करूंगी| बाबाजी की जय हो|

ऐसी ऐसी कृपा कर रहे है निर्वल बाबा जी| पटना से 1500 किलोमीटर दूर दिल्ली में निर्वल बाबा के सगामम में पहुचने के लिए उसमे बाबाजी की टिकेट के 2000 के साथ ही कुल 10000 फूक दिए ये जानने के लिए कि पोता बहु बेटे को साथ सुलाने से मिलेगा! जब तक दुनिया में मूर्ख है विद्वान भूखे नहीं रह सकते|