केंद्र सरकार के शिक्षा के अधिकार कानून को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराते हुए आज कहा कि ये कानून आज से ही सभी स्कूलों में लागू होना चाहिए। सभी सरकारी और गैर सरकारी निजी स्कूलों को 25 फीसदी सीटें गरीब के बच्चों को देना ही होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने आज के फैसले में कहा कि ऐसी अल्पसंख्यक संस्था जिनको सरकार से पैसो की मदद नहीं मिलती है। उन्हें इससे बाहर रखा जाएगा। ये कानून आज से लागू होगा।
मालूम हो कि साल 2009 में शिक्षा का अधिकार कानून बनाया गया था। इस कानून के तहत सभी निजी स्कूलों को 25 फीसदी सीट गरीब बच्चों के लिए आरक्षित करने का प्रावधान किया गया। कुछ निजी स्कूलों ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। उनका कहना था कि निजी स्कूलों को अपने ढंग से संस्था चलाने का अधिकार है। सरकार निजी स्कूलों के अधिकार छेत्र में दखलअंदाजी कर रही है। जबकि सरकार का दावा था कि इससे सभी श्रेणी के बच्चों को एक जैसी शिक्षा मिलेगी। इस याचिका पर आज फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि शिक्षा का अधिकार कानून सही है और ये आज से ही लागू होगा।
इस कानून के तहत 6 से 14 साल के बच्चों के लिए शिक्षा के अधिकार को मौलिक अधिकार बताया गया है। इस आदेश के बाद आज से जो भी एडमिशन होंगे उसपर ये सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक शिक्षा का अधिकार कानून लागू होगा। जबकि पुराने एडमिशन की फाइल को खोला नहीं जाएगा।