नियुक्ति से पहले ही मुश्किल में अगले आर्मी चीफ

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देश के नए सैन्य अध्यक्ष बिक्रम सिंह के सामने नियुक्ति से पहले ही मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। सुप्रीम कोर्ट में सिंह के खिलाफ एक जनहित याचिका दायर की गई है। 66 पन्‍नों की इस याचिका में कहा गया है कि बिक्रम सिंह 2001 में जम्‍मू में हुई फर्जी मुठभेड़ में शामिल थे।

पूर्व सैन्य अधिकारियों, पत्रकारों और नौकरशाहों ने यह पीआईएल दायर की है। याचिकाकर्ताओं में एडमिरल रामदास, पूर्व मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त एन गोपालस्‍वामी भी शामिल हैं। गौरतलब है कि सरकार ने 3 मार्च को अगले आर्मी चीफ के रूप में बिक्रम सिंह के नाम की घोषणा की थी। बिक्रम सिंह हाल में ईस्टर्न आर्मी कमांडर हैं। मौजूदा आर्मी चीफ जनरल वीके सिंह 31 मई को रिटायर हो रहे हैं। उनके रिटायर होने के बाद बिक्रम सिंह नए सेना प्रमुख का पद संभालेंगे।

कौन हैं बिक्रम सिंह
सेना में बिक्रम सिंह का कैरियर उपलब्धियों से भरा पड़ा है। सिख लाइट इन्फैंट्री से 31 मार्च 1972 से अपने सैन्य कैरियर की शुरुआत करने वाले ले. जनरल बिक्रम सिंह ने अपनी चालीस साल लंबी सेवा के दौरान कई अहम पदों पर काम किया है। बिक्रम सिंह ने उग्रवाद से जूझ रहे श्रीनगर में भी अपने फर्ज को बखूबी अंजाम दिया है। यूएन के पीस कीपिंग मिशन में डिप्टी फोर्स कमांडर की हैसियत से उन्होंने कांगो में काम किया है। तो सिंह निकारागुआ और अल सल्वाडोर में यूएन ऑब्जर्वर की हैसियत से तैनात रहे। बिक्रम सिंह ने डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, आर्मी वॉर कॉलेज और पेनसिलवेनिया में यूएस आर्मी वॉर कॉलेज से प्रशिक्षण हासिल किया है।