आईपीएस कंगाल, पीपीएस मालामाल: नए कप्तान के पास न जमीन है न बंगला

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फर्रुखाबाद: खबर तो खबर है, अच्छी है बुरी है ये पाठको और जिस पर खबर लिखी गयी उसके नजरिये पर निर्भर करती है| यूपी में तैनात आईपीएस की घोषित सम्पत्तियो पर अध्ययन करने ने जो निष्कर्ष निकल कर आते है वो ये कि सीधे आईपीएस बने अफसरों के पास सम्पत्ति नाम मात्र को है वही पीपीएस से तरक्की पाकर आईपीएस अफसरों के पास झमाझम सम्पत्ति है|

भारत सरकार की वेबसाईट पर पड़े डाटा आम जनता के लिए उपलब्ध करना सरकार का उचित कदम है| इस प्रकार के डाटा का विश्लेषण आम जनता कर सकती है कि किसने क्या छुपाया और किसने अपनी सम्पत्ति की कीमत कम घोषित कर दी है| डाटा के विशेलेश्नो में निकले निष्कर्ष बताते है कि तमाम आईपीएस अफसरों (खासकर पीपीएस से आईपीएस बने) ने अपनी सम्पत्ति की जो कीमत दर्शायी है वो आमदनी को बराबर दिखाने के लिए काफी कम लिखी है| उदहारण के लिए फर्रुखाबाद में तैनात रहे पुलिस अधीक्षक ओम प्रकाश सागर ने गाजिअबाद में अपनी अपने मकान की कीमत केवल 6 लाख दर्शायी मगर उससे मिलने वाला किराया प्रति वर्ष 1.20 लाख दर्शाया| कमाल की बात है कि 6 लाख रुपये के मकान का किराया 1 लाख भी मिल सकता है| फर्रुखाबाद में ही तैनात रहे सीधे आईपीएस बने अखिलेश कुमार के पास कोई मकान और प्लाट नहीं है| नए तैनात किये नीलाब्जा चौधरी भी निजी सम्पत्ति में मकान और प्लाट से अभी महरूम है| जिले में तैनात रहे पीपीएस से तरक्की पाए कशी नाथ सिंह और उनकी पत्नी के पास गाजिअबाद, नॉएडा और लखनऊ में खूब सम्पत्ति है मगर इनकी कीमत न के बराबर दर्शाई गयी है|

फर्रुखाबाद से तबादले पर एटा गए पुलिस अधीक्षक आईपीएस मोहित गुप्ता ने पास एक अदद मकान लखनऊ में है| जिसकी कीमत उन्होंने 35 लाख दर्शायी है और पति पत्नी दोनों के नाम खरीदा है| इसे खरीदने के लिए बैंक से कर्जा भी लिया गया| कानपूर में डी आई जी रहे दलजीत चौधरी के पास भी अपना खरीदा कुल जमा 1 मकान है| इमानदार अफसरों ने गिनती कराने वालों में फर्रुखाबाद में ही तैनात रहे आई पी एस नरेन्द्र श्रीवास्तव के पास भी कर्जे का मकान है| फर्रुखाबाद में एक और तैनात रही पुलिस अधीक्षक आईपीएस लक्ष्मी सिंह के पास खुद की खरीदी हुई कोई सम्पत्ति नहीं है| आईपीएस बी डी पालसन के पास भी कर्जे का मकान है|
नीचे कुछ अफसरों की घोषित सम्पत्तियो के विवरण आप पढ़ सकते है-