23 मार्च से दस दिन के नवरात्र के लिए राशि अनुसार उपाय

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फर्रुखाबाद : नवरात्र मां दुर्गा की आराधना का महापर्व है। इन दिनों देवी मां की भक्ति करने वाले भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। इस वर्ष 23 मार्च 2012 में दस दिवसीय चैत्र नवरात्र रहेगा।

ये रहेंगे खास योग
शुक्रवार : सर्वार्थ सिद्धि व अमृत सिद्धि
शनिवार : सर्वार्थ सिद्धि योग, सिंघारा दोज
रविवार : सर्वार्थ सिद्धि, राज योग, रवि योग व गणगौर तीज
सोमवार : रवि योग व विनायकी चतुर्थी
मंगलवार : सर्वार्थ सिद्धि योग व मीनावतार दिवस
बुधवार : सर्वार्थ सिद्धि योग व रोहिणी नक्षत्र
गुरुवार : यमुना षष्टी, बुध तारा उदय, आयुष्मान योग
शुक्रवार : सौभाग्य योग
शनिवार : महाअष्टमी, सशिव-शक्तिऔर शनि का शुभ संयोग
रविवार : महानवमी, रविपुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि व रवि योग

राम जन्म पर महामुहूर्त का संयोग
राम नवमी एक अप्रैल को राम जन्मोत्सव मनेगा। पं. धर्मेंद्र शास्त्री के अनुसार चैत्र नवरात्र की पूर्णता की तिथि महानवमी के साथ सुकर्मा योग व कौलवकरण होने से यह दिन विशेष शुभ होगा। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि व पुष्य नक्षत्र का होना इसकी शुभता में वृद्धि करने वाला संयोग है। अन्य विशेषताएं यह हैं कि इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ, दुर्गा नवमी भी होगी, नवग्रहों के राजा सूर्य, अयोध्या के राजा राम व नक्षत्रों के राजा पुष्य का इसी दिन एक साथ होना अपने आप में विशिष्ट संयोग हैं।

जानिए इन दिनों राशि अनुसार कौन सी माता की पूजा किस मंत्र के साथ करें-

मेष- इस राशि लोगों को मां दुर्गा की विशेष आराधना करनी चाहिए। इनके लिए जप मंत्र- ऊं ह्रीं दुं दुर्गायै नम:, 21 माला नित्य। दुर्गा सप्तशती या दुर्गा चालीसा का पाठ करें।

वृषभ-मां काली की आराधना विशेष पुण्य फल देने वाली है। जप मंत्र- क्रीं ह्रीं क्लीं, 21 माला नित्य। श्री कालिका सहस्रनाम का पाठ करें। सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।

मिथुन-मां तारा की विशेष पूजा करें। जप मंत्र – ऊं ह्रीं त्रीं हुंफट, 21 माला नित्य। श्री तारा कवच का पाठ करें। सभी कष्टों का निवारण होगा।

कर्क-इस राशि के लोगों को मां कमला की विशेष पूजा करना चाहिए। जप मंत्र- नम: कमल वासिन्यै स्वाहा, 11 माला नित्य। श्री सूक्त का पाठ करें। शुभ फल प्राप्त होंगे।

सिंह –मां त्रिपुर भैरवी की पूजा खास फल देने वाली रहेगी। जप मंत्र – ऐं क्लीं सौ: सौ: क्लीं, 21 माला नित्य। भैरवी त्रैलोक्य विजय कवच का पाठ करें।

कन्या-कन्या राशि के लोग मां मातंगी की विशेष पूजा-अर्चना करें। ऊं ह्रीं क्ली हूं मातंग्यै फट स्वाहा, 11 माला नित्य। मातंगी सहस्रनाम का पाठ करें।

तुला-महाकाली की आराधना तुला राशि के लोगों के लिए श्रेष्ठ रहेगी। जप मंत्र – त्रीं त्रीं त्रीं, 51 माला नित्य। कामाख्या कवच एवं चालीसा का पाठ करें। सभी कष्टों से मुक्ति मिलेगी।

वृश्चिक-मां दुर्गा की आराधना करें। जप मंत्र – ऊं ह्रीं दुं दुर्गायै नम:, 21 माला नित्य। दुर्गा सहस्रनामावली का पाठ करें।

धनु- आप मां बगलामुखी की खास पूजा करें। जप मंत्र – श्रीं ह्रीं ऐं भगवति बगले श्रियं देहि देहि स्वाहा, 21 माला नित्य। बगला त्रैलोक्य विजय कवच का पाठ करें।

मकर- मां षोड्शी की आराधन आपको विशेष फल प्रदान करेगी। जप मंत्र – श्रीं, 108 माला नित्य। ललिता सहस्रनाम का पाठ करें।

कुंभ- मां भुवनेश्वरी की विशेष पूजा कुंभ राशि के जातको के खास फलदायी रहेगी। जप मंत्र- ऐं ह्रीं श्रीं, 51 माला नित्य। दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।

मीन- मां बगलामुखी की पूजा करें। जप मंत्र – श्रीं ह्रीं ऐं भगवति बगले श्रियं देहि देहि स्वाहा, 21 माला नित्य। बगला त्रैलोक्य विजय कवच का पाठ करें।

सभी राशि के लोग समान रूप से यदि दुर्गा सप्तशती का पाठ कर सकते हैं। यह सभी के लिए सर्वसिद्धि प्रदान करना वाला पाठ है।