नौकरी मांगने गये टीईटी पास अभ्यर्थियों पर बरसी लाठियां

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टीईटी (अध्यापक पात्रता परीक्षा) निरस्त होने से बचाने के लिए आंदोलन कर रहे अभ्यर्थियों पर सोमवार को पुलिस ने जमकर लाठियां भांजीं। बड़ी संख्या में एकत्र हुए टीईटी पास अभ्यर्थियों को पुलिस ने हुसैनगंज चौराहे पर ही रोक लिया। धरना स्थल तक जाने पर बजिद अभ्यर्थियों को तितरबितर करने के लिये पुलिस ने जम कर लाठियां भांजी व वाटर कैनन का भी प्रयोग किया। भीड़ यहां से किसी प्रकार घूमते घामते झूलेलाल पार्क पहुंची। यहां प्रशासन ने अभ्यर्थियों को आश्वासन दिया कि चार-पांच दिनों में मुख्यमंत्री से वार्ता करा दी जाएगी। देर शाम तक कुछ अभ्यर्थी जिलों को वापस लौट गए वहीं कुछ नेता वार्ता होने तक क्रमिक धरने पर बैठ गए हैं।

विदित है कि टीईटी में हुए घोटाले और धांधली से राज्य सरकार इसे रद करने की तैयारी में है। इसकी आशंका से टीईटी पास करके शिक्षक बनने का सपना संजो रहे हजारों अभ्यर्थियों को झटका लगा है। टीईटी रद न हो इसलिए अभ्यर्थियों ने आंदोलन शुरू कर दिया है। मंगलवार सुबह दस बजे फर्रुखाबाद, कानपुर, इलाहाबाद, गोरखपुर, आगरा, लखीमपुर, बरेली आदि जगह से हजारों की संख्या में अभ्यर्थी चारबाग स्थित श्रीजय नारायण स्नातकोत्तर महाविद्यालय पर इकट्ठा हुए। पुलिस ने रोकने का प्रयास किया लेकिन अभ्यर्थी पुलिस घेरा तोड़ते हुए आगे बढ़ गए। हुसैनगंज चौराहे पर पुलिस बल बढ़ा और अभ्यर्थियों को एक बार फिर रोका गया। आश्वासन दिया गया कि यहीं रुकें मुख्यमंत्री आ रहे हैं। अभ्यर्थियों ने आधे घंटे तक इंतजार किया लेकिन पुलिस का आश्वासन झूठा निकला तो अभ्यर्थी क्षुब्ध हो गए लेकिन इस बार पुलिस तैयारी से थी। फायर ब्रिगेड की गाड़ी बुला ली गई थी। अभ्यर्थियों ने यहां विधानसभा होते हुए धरना स्थल पहुंचने की योजना बनाई। अभ्यर्थी जैसे ही हुसैनगंज से आगे बढ़े पुलिस ने पानी के प्रेशर से सभी को तितर बितर कर दिया। अभ्यर्थी संभल भी नहीं पाए थे कि उन लाठियां बरसना शुरू हो गईं। पुलिस ने सभी को दौड़ाकर पीटा। कई अभ्यर्थियों ने दुकान में घुसकर खुद को बचाने का प्रयास किया लेकिन पुलिस ने सभी को दुकान से निकालकर पीटा। अभ्यर्थी यहां तो तितरबितर हो गए लेकिन अलग-अलग रास्तों से वे सभी दोपहर दो बजे तक झूलेलाल पार्क पहुंच गए। अभ्यर्थी मुख्यमंत्री से मिलने की मांग पर अड़ गए।

देर शाम अभ्यर्थियों को आश्वासन दिया कि उनकी मांग जायज है। इस बाबत वह अभ्यर्थियों का एक प्रतिनिधि मंडल की वार्ता मुख्यमंत्री से कराएंगे। उन्होंने वार्ता कराने के लिए पांच दिनों का समय मांगा है। देर रात तक अभ्यर्थी धरनास्थल पर बैठे रहे।