कांग्रेस व भाजपा को करारा झटका, रीता व शाही ने दिया इस्तीफा

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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी ने आज अपने पद से इस्तीफा दे दिया.

रीता ने अपना इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंपा है. मालूम हो रीता बहुगुणा लखनऊ छावनी विधानसभा क्षेत्र से पार्टी की प्रत्याशी थी और चुनाव हार गयीं थी.
रीता बहुगुणा जोशी ने कहा था कि खराब प्रदर्शन के लिए प्रदेश इकाई व प्रत्याशी जिम्मेदार हैं न कि कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी. अपने बयान में उन्होंने कहा कि राहुल सिर्फ पार्टी प्रचारक थे इससे अधिक कुछ नहीं.प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते हार की जिम्मेदारी मेरी है.हार से लिए अपने को पूर्णत दोषी मनाते हुए उन्होंने इस्तीफा देने तक की बात कह डाली थी.

वहीं दूसरी ओर दिग्विजय का भी यही कहना था कि उत्तर प्रदेश चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के साथ साथ वह भी पूर्णतया जवाबदेह हैं.

उन्होंने कहा था कि कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के लिए राहुल गांधी ही क्यों प्रदेश में हर कांग्रेसी किसी न किसी तरह जिम्मेदार है.वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में 22 सीटें पाने के बाद कांग्रेस ने राहुल गांधी के नेतृत्व में 1089 के बाद विधानसभा में वापसी के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था।

राहुल गांधी ने 14 नवबर से शुरु किये गये अपने अभियान में प्रदेश में दो सौ से अधिक जनसभायें कीं और अनेक शहरों में रोड शो किये.प्रचार के मामले में वह अव्वल थे लेकिन कांग्रेस के पक्ष में पासा पलटने में वह सफल नहीं हो पाए.

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में हार पर भाजपा में मचे घमासान के बीच परिणाम की जिम्मेदारी लेते हुये भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

शाही ने कहा कि पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते वह हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद से इस्तीफा दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने इस्तीफा पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी को भेज दिया है। उन्होंने कहा कि चुनाव में पार्टी के कुछ वरिष्ठ लोगों ने पीठ में छुरा घोंपने का काम किया है। इस संबंध में वह अपनी रिपोर्ट केन्द्रीय नेतृत्व को देंगे। इस संबंध में वह पूर्वांचल के एक सांसद का नाम खास तौर लेते हैं। उन्होंने कहा कि नेतृत्व को अब कुछ ठोस निर्णय लेने पडे़गे।

राज्य में कुछ लोगों पर अंकुश नही लगा तो लोकसभा के चुनाव में भी पार्टी को भुगतना पडे़गा। विधानसभा चुनाव में प्रदेश अध्यक्ष शाही, भाजपा विधानमंडल दल के नेता ओमप्रकाश सिंह, सांसद और वरिष्ठ नेता लाल जी टंडन के पुत्र गोपाल टंडन, विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष केसरी नाथ त्रिपाठी, रमापति राम त्रिपाठी, भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष हरीश दूबे समेत कई वरिष्ठ नेता चुनाव हार गये हैं।

इधर देवरिया में भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने योगी आदित्यनाथ का पुतला फूंका और नारेबाजी की। परिणाम आने के साथ ही पार्टी के खराब प्रदर्शन को लेकर घमासान शुरू हो गया था। दो दिन पूर्व अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री रहे स्वामी चिन्मयानंद ने चुनाव प्रबंधन से जुडे़ लोगों पर हल्ला बोल दिया था और कहा कि पार्टी एकजुट नहीं थी इसलिए उसे हारना ही है। गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ ने भी बयान दिया था कि हार के लिए भाजपा में कौन जिम्मेदार है, यह तय होना चाहिए।

उधर शाही समर्थकों का कहना है कि आदित्यनाथ ने चुनाव में कई प्रत्याशियों के खिलाफ कामकिया है।