कहीं पिता को पति बनाया, तो कहीं बेट को बाप

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फर्रुखाबाद: मतदाता पहचानपत्रों को बनाने में की गयी लापरवाही लागों के लिये चकल्लस का विषय बन गयी है। कहीं पति को पिता दिखा दिया गया तो कहीं बाप को बेटा बना दिया गया। कई लोग तो इन त्रुटियों के चलते मतदान केंद्र पर होने वाली चकल्लस से बचने के लिये वोट डालने जाने तक से घबराते दिखे।

पहचान पत्र लेने आने वाले मतदाताओं ने मतदातासूची पुनरीक्षण की हकीकत खोलकर रखदी। लोगों ने बताया कि बीएलओ कभी उनके घर नहीं गए, किसी और से पूछकर नाम, पिता का नाम, पता और जन्म तिथि गलत लिख दी। मतदाता पहचान पत्रों में दर्ज नाम पतों में भारी त्रुटियां हैं। बीएलओ ने पहचान पत्रों में मतदाता के नाम के साथ उनके पिता, पति के नाम भी गलत लिखे हैं। शहरी क्षेत्र में बीएलओ ने ड्यूटी वाले मोहल्लों में परिचित से पूछकर मतदाताओं के नाम सूची में दर्ज कर दिए। ग्रामीण क्षेत्र में प्रधान के घर बैठकर वोट घटे बढ़े। इसी का नतीजा है कि मतदाता पहचान पत्रों में निकल रही त्रुटियां प्रशासन के लिए सिर दर्द बनी हैं। बीएलओ को भी दोहरी माथा पच्ची करनी पड़ रही है। चुनाव नजदीक होने से मतदाताओं के सामने संशोधित पहचान पत्र बनवाने का संकट है। उप जिला निर्वाचन अधिकारी राजकेश्वर सिंह ने बताया कि इस तरह की शिकायतें आ रही हैं। जांच करायी जाएगी।

सरकारी प्रवक्ता के अनुसार भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर मतदाता जागरूकता दिवस पर मुख्यालय व तहसीलों पर मतदाताओं को शपथ दिलायी गयी। उन्होंने बताया कि विधानसभा क्षेत्र सदर में 61, भोजपुर में 35, कायमगंज में 9 और अमृतपुर में 250 पहचान पत्र 18 से 19 साल के मतदाताओं को वितरित किए गए।