छात्र शिक्षक अनुपात: प्राइमरी स्कूलों में लगे सरप्लस शिक्षक हटेंगे

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ऊंची पहुंच और पैसे के बल पर सुविधा के अनुसार स्कूलों में तैनाती लेकर मौज मार रहे सरप्लस शिक्षकों को हटाकर जरूरत वाले स्कूलों में तैनात किया जाएगा। शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए ऐसा किया जाएगा। पहले चरण में बेसिक शिक्षा अधिकारियों को सूची तैयार करने का निर्देश दिया गया है। इसके लिए सर्वे कराया जाएगा कि किस स्कूल में कितने बच्चे हैं और उसमें कितने शिक्षक तैनात हैं।

 

शिक्षा का अधिकार अधिनियम के आधार पर 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों की शिक्षा अनिवार्य की गई है। सरकारी स्कूलों में बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए छात्र शिक्षक अनुपात का नए सिरे से निर्धारण किया गया है। प्राइमरी स्कूलों में 30 बच्चों पर एक शिक्षक और उच्च प्राइमरी में 35 पर एक शिक्षक रखने का प्रावधान किया गया है।

 

सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशालय ने इसके आधार पर जिलों से शिक्षकों के रिक्त पदों का ब्योरा मांगा है। सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक पार्थ सारथी सेन शर्मा ने जिलों को भेजे निर्देश में कहा है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के आधार पर शिक्षकों के रखने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

 

इसके लिए कार्यरत शिक्षक व उनकी तैनाती, सृजित पदों के सापेक्ष शिक्षकों की संख्या और अतिरिक्त शिक्षकों की भर्ती का ब्योरा तैयार करने को कहा गया है। इसमें छात्र संख्या से अधिक तैनात शिक्षकों और शिक्षकों की कमी वाले स्कूलों की संख्या भी मांगी गई है।

 

बीएसए से सरप्लस शिक्षकों के समायोजन और पदोन्नति की प्रक्रिया पूरी करने के बाद रिक्त शिक्षकों के पदों का ब्योरा मांगा गया है। जिलों से बीएसए से मिलने वाले ब्योरे के आधार पर शिक्षकों की भर्ती का प्रस्ताव मानव संसाधन विकास मंत्रालय भेजा जाएगा। इसके बाद वहां से मंजूरी मिलने के बाद शिक्षकों की भर्ती जरूरत के आधार पर की जाएगी।