फर्रुखाबादः बीते दिनों से ठंड ने फिर अपना उग्र रूप धारण कर लिया है। जिसके चलते कई दिनों से सूर्य के लोगों को दर्शन तक नहीं हुए। शाम होते ही सड़कों को घना कोहरा आकर अपनी गिरफ्त में ले लेता है। जिससे जन जीवन अस्तव्यस्त हो गया है।
सुबह होते ही लोग सड़क के किनारे कूड़ा करकट जलाकर अपनी ठंड मिटाने का प्रयास करते नजर आ रहे हैं। मगर तहसीलों की तरफ से अलाव की व्यवस्था नहीं की गयी।
सम्बंधित व्यक्ति से बात करने पर उसने मुस्कराकर कह दिया कि अलाव जल तो रहे हैं,मगर कागजों पर। गरीब जनता जिनके पास पहनने के लिए कपड़े नहीं हैं व सोने के लिए छत नहीं है उनके लिए मात्र एक सहारा अलाव का ही रह जाता है। दिनों दिन बढ़ रही सर्दी इन लोगों को मजबूरन कूड़ा करकट इकट्ठा कर जलाना पड़ रहा है। जिलाधिकारी सच्चिदानंद दुबे ने तकरीबन एक माह पूर्व सभी तहसीलदारों को एक-एक लाख रुपये अलाव के लिए उपलब्ध कराये थे।
मगर भयानक सर्दी पड़ने के बावजूद भी अभी तक प्रशासन की तरफ से कोई सुविधा मुहैया नहीं है। यही कारण है कि हर रोज कई मौतें सिर्फ ठंड की बजह से हो रहीं हैं। लेकिन इसका जिम्मेदार कौन……………….? स्टेशन हो, चौराहा हो, बाजार हो, अस्पताल हो जहां भी जिसे जो मिल जाता है वहीं वह आग जलाकर सर्दी से बचने का उपाय ढूंढता नजर आ रहा है। लेकिन अलाव की गर्मी अभी तक अधिकारियों को ही सर्दी से बचा रही है और आम जनता ठंड में ठंडी हो रही है।