लखनऊ। दो सीएमओ के मर्डर, जेल में डिप्टी सीएमओ की हत्या व एनआरएचएम के हजारों करोड़ के घपले में सीबीआई ने बुधवार को बसपा सरकार के पूर्व मंत्री अनंत मिश्र उर्फ अंटू से पूछताछ की। एक दिन पहले सीबीआई ने बाबूसिंह कुशवाहा से पूछताछ की थी। कुशवाहा ने अंटू के बारे में भी एजेंसी को खासी जानकारी दी थी। यही जानकारी अंटू के खिलाफ हथियार बनी। पूछताछ के दौरान जब भी उन्होंने गोलमोल जवाब दिए सीबीआई अफसरों ने उन्हें टोक दिया। उनसे गुरुवार को भी पूछताछ की जाएगी।
अंटू से सीबीआई ने कमोबेश वही सवाल किए जो मंगलवार को बाबूसिंह कुशवाहा से किए गए थे। अफसरों ने अलग-अलग कई बार सवालों के एक ही फॉर्मेट पर अंटू से जवाब पूछे। अंटू ने गोल-मोल जवाब देने की कोशिश की तो उन्हें टोक दिया गया कि वे सोच-समझ कर जवाब दें। सीबीआई के सूत्र बताते हैं कि अंटू मिश्र कई सवालों का जवाब नहीं दे सके और उन्हें पसीने छूटने लगे। सूत्र की माने तो मंगलवार को कुशवाहा से जब पूछताछ हुई थी तब उन्होंने अंटू की कार्य-प्रणाली और उनकी कमजोरियों के बारे में सीबीआई को बताया था।
यह भी बताया था, किन वजहों से उनमें और अंटू में मतभेद हुआ? कौन से अधिकारी और ठेकेदार अंटू मिश्र के खास थे और किन मामलों में ठेकों को दिलाने में अंटू की पैरवी थी। सीबीआई के सूत्र बताते हैं कि कुशवाहा ने घोटाले की जांच से जुड़े कई ऐसे पहलुओं का सीबीआई को इशारा किया है। अंटू से पूछा गया कि वह सीएमओ हत्याओ के बारे में क्या जानकारी रखते हैं। उन्होंने दोनों सीएमओ को किन-किन ठेकेदारों को काम देने या कौन-कौन से मामलों में फाइल को ओके करने अथवा भुगतान करने के लिए कहा। उनकी जानकारी में कौन से ऐसे लोग हैं, जिनका भुगतान रुकने पर सीएमओ की हत्या की जा सकती थी। डिप्टी सीएमओ डॉ. वाईएस सचान को ऐसी क्या जानकारी थी कि उन्हें मरना पड़ गया।
एनआरएचएम के बजट में किस तरह बंदरबांट की गई। इसका किस को लाभ मिला। उन्होंने कितना लाभ उठाया। उन्होंने कितनी संपत्ति बनाई। सत्तारूढ़ दल में उनके अलावा और किसको एनआरएचएम के बजट का फायदा मिला। जिन सवालों पर वे अटके उन पर उनसे कई बार पूछा गया, लेकन वे साफ जवाब नहीं दे सके। अंटू ने बुधवार को सीबीआई कार्यालय पहुंचने में ही खासा विलंब कर दिया था, इसी वजह से देर शाम तक पूछताछ होती रही।
पूर्व मंत्री बाबूसिंह कुशवाहा के नजदीकी एमएलसी रामचंद्र प्रधान की पत्नी अनिता प्रधान के नाम से सीबीआई ने बुधवार को लखनऊ आफिस में दो घंटे से अधिक पूछताछ की। राजधानी सहकारी बैंक की चेयरमैन अनिता से उनकी उस फर्म को लेकर पूछताछ की गई, जिसे एनआरएचएम में लाखों के ठेकों का भुगतान किया गया। एनआरएचएम धांधली की जांच के दौरान सीबीआई ने कई अन्य फर्मों के साथ ही श्रेया इंटरप्राइजेज के संचालकों व इस फर्म से जुड़े ठेकेदारों से भी पूछताछ की थी। इस सिलसिले में जब सीबीआई ने नमित टंडन से पूछताछ की, तब नमित ने ट्रेन के सामने कूद कर आत्महत्या करने की भी कोशिश की थी। अनिता प्रधान के नाम पंजीकृत श्रेया इंटरप्राइजेज पर एनआरएचएम की योजना में एमएलसी रामचंद्र प्रधान के परिचित रिजवान आगा और नमित टंडन ने लाखों के ठेके लिए थे।
रिजवान आगा और नमित ने निर्माण कराए थे और जिसका उनके खातों में लंबा भुगतान हुआ था। इसी वजह से सीबीआई ने बुधवार को अनिता प्रधान से पूछताछ की। सीबीआई ने पूछा कि अगर उन्होंने अपनी फर्म को दूसरे को काम करने के लिए दिया था तो इसके बदले मिला भुगतान पूरा उसे क्यों नहीं दे दिया गया। उस भुगतान का मोटा अंश उनकी फर्म के ही खाते में क्यों पड़ा रहा। इस तरह के और कितने भुगतान लिए गए। उनसे पूछा गया कि उनकी फर्म पर जो काम हुआ, उसका उन्हें अब तक कितना लाभ मिला। किस-किस ने उनकी फर्म पर काम किया और कौन सा काम किया। उनके पास एनआरएचएम की विभिन्न योजनाओं में हुए कार्यों व उसके भुगतान के बारे में क्या जानकारी है। पत्नी से हुई पूछताछ के सिलसिले में रामचंद्र प्रधान ने कहा कि वे पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में हैं और जहां तक उन्हें पता है पूछताछ सामान्य प्रक्रिया के तहत की गई। प्रधान ने कहा कि उन्होंने अपने कुछ जानकारों की मदद करने के उद्देश्य से उन्हें अपनी फर्म पर काम करने की अनुमति दे दी थी। इसी वजह से पूछताछ हो रही है। साभार : अमर उजाला