आचार संहिता के बाद भी सरकारी खम्भों पर प्रत्याशियों का कब्जा

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फर्रुखाबादः सूबे में विधानसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद आचार संहिता लागू हो गयी है। जिसमें नियमानुसार किसी भी सरकारी सम्पत्ति को प्रचार का जरिया नहीं बनाया जा सकता। इसके बावजूद भी शहर के प्रत्येक तिराहे, चौराहे पर लगे खम्भों पर प्रत्याशियों की शुभकामनायें लिखे होर्डिंग लगे हैं।

पूरे जनपद में मायावती के तकरीबन 50 से अधिक होर्डिंग लगे हैं जिनमें से कुछ लोहिया अस्पताल, विकास भवन आदि स्थानों से हटा दिये गये। बाकी बचे हुए होर्डिंगों को दो-तीन दिन में हटा दिया जायेगा। लेकिन चुनावी प्रचार के फैशन में आ चुका होर्डिंग प्रत्याशियों की खासी पसंद बना हुआ है। हर तिराहे, चौराहे पर लगे बिजली के खम्भों, टेलीफोन के खम्भों पर, सरकारी दीवारों पर प्रत्याशियों के होर्डिंग लटकते नजर आ रहे हैं। जो सीधे-सीधे आचार संहिता को चुनौती दे रहे हैं।पार्टी के प्रत्याशियों से ज्यादा निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव प्रचार में अपना दम खम लगाये हुए हैं।

शहर का ऐसा कोई कोहना, ऐसा कोई खम्भा नहीं बचा जहां होर्डिंग न लगा हो। पूरे यूपी में आचार संहिता लागू है। आचार संहिता लगने के बाद सरकारी सम्पत्ति का चुनावी प्रचार में उपयोग करना कानूनी अपराध है। इसके बावजूद भी प्रत्याशी धड़ल्ले से खम्भों का होर्डिंगों के लिए प्रयोग कर रहे हैं। फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी के लिए प्रत्याशी प्रचार में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहते। जिससे सटीक जगह पर होर्डिंग लगाने के लिए मुहंमांगी कीमत देने को तैयार हैं।