लोकायुक्त ने डीएम से संपत्तियों का ब्योरा तलब किया
कैबिनेट मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी और उनकी पत्नी हुस्ना सिद्दीकी के ट्रस्ट क्यूएफ एजुकेशनल इंस्टीटूट को 2006-07 से 2009-10 के बीच लगभग तीन करोड़ रुपये दान में मिले हैं। सरकार की ओर से भी ट्रस्ट को 30 लाख रुपये अनुदान दिया गया। लोकायुक्त की जांच के दौरान इसका खुलासा डिप्टी रजिस्ट्रार फर्म्स एण्ड सोसाइटीज की रिपोर्ट से हुआ है। लोकायुक्त ने ट्रस्ट को मिले धन की छानबीन शुरू कर दी है। लोकायुक्त ने ट्रस्ट की अध्यक्ष सीमा अग्निहोत्री को समन जारी करके 23 दिसंबर को तलब किया है। इसके साथ ही बांदा और बाराबंकी के डीएम से नसीमुद्दीन की संपत्तियों का पूरा ब्योरा भी मांगा गया है।
ट्रस्ट नसीमुद्दीन के पिता और श्वसुर के नाम से बनाया गया है। लखनऊ की सीमा अग्निहोत्री ट्र्स्ट की अध्यक्ष हैं जबकि नसीमुद्दीन की पत्नी हुस्ना इसकी सचिव हैं। ट्रस्ट में सीमा और सिद्दीकी के परिवार के लोग ही हैं। क्यूएफ एजूकेशनल ट्रस्ट की ओर से डिप्टी रजिस्ट्रार के समक्ष दाखिल ऑडिटेड बैलेंस शीट के अनुसार सोसाइटी को वर्ष 2006-07 में 1,80, 06,128 रुपये, 2007-08 में 64.80 लाख, 2008-09 में 10 लाख, 2009-10 में 41,96,600 रुपये चंदे से मिले। 2009-10 में राज्य सरकार ने भी ट्रस्ट को दो किस्तों में क्रमश: 20 और 10 लाख रुपये अनुदान दिया है। 31 मार्च 2010 को समाप्त होने वाले वर्ष में सोसाइटी का बैलेंस 1,13,88,527 रुपये था। लोकायुक्त के मुताबिक बाराबंकी में लगभग 10 करोड़ रुपये कीमत की जो कृषि भूमि 43 लाख रुपये में खरीदने का आरोप लगाया गया है। उसकी खरीद के लिए पैसा कहां से आया स्पष्ट नहीं है। इस जमीन का भू उपयोग बदलवाए और नक्शा पास कराए बिना ही भवन बनवा दिया गया है।
लोकायुक्त न्यायमूर्ति एनके मेहरोत्रा के मुताबिक, लखनऊ के जगदीश नारायण शुक्ला की शिकायत पर की जा रही जांच में यह बात सामने आई है कि नसीमुद्दीन के ट्रस्ट को बड़ी राशि बतौर डोनेशन मिली है।