प्रदेश के अस्पतालों की हर तरह की जानकारी अब कम्प्यूटर पर आनलाइन उपलब्ध होने जा रही है। अस्पतालों में कहां कितनी, कौन सी दवाएं हैं। किस अस्पताल में किस तरह के मरीज आ रहे हैं। कौन सी बीमारी किस जिले में बढ़ रही है, यह सारी जानकारी स्वास्थ्य विभाग के पास रहेगी। विश्व बैंक पोषित योजना की मदद से जल्दी ही इस इन्फार्मेशन सिस्टम को स्वास्थ्य विभाग में लागू कर दिया जाएगा।
यूपी हेल्थ सिस्टम डवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत विश्व बैंक की मदद से सूचना प्रौद्योगिकी को अस्पतालों और स्वास्थ्य विभाग में लागू किया जा रहा है। इसमें सबसे बड़ी मदद प्रदेश में बीमारियों का बोझ जानने में मिलेगी। किस जिले में कहां कितने रोगी हैं? यह जानकारी अब की जा सकेगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग में ग्लोबल इन्फार्मेशन सिस्टम लागू करने की तैयारी की जा रही है।
इससे संक्रामक रोग, गंभीर बीमारियों के साथ हर रोज भर्ती और ओपीडी में आने वाले मरीजों का ब्योरा, मरीजों के प्रकार के आंकड़े इकट्ठे किए जा सकेंगे। इससे बीमारियों से लड़ने की पूर्व से तैयारी करने और योजना बनाने में मदद मिलेगी।
वहीं सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से हेल्थ मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम, ड्रग डिस्ट्रब्यूशन मैनेजमेंट सिस्टम भी लागू किया जाएगा। ड्रग डिस्ट्रब्यूशन मैनेजमेंट सिस्टम से प्रदेश भर के अस्पतालों को जोड़ा जाएगा। इससे यह पता चल जाएगा कि किस अस्पताल में कहां कितनी दवाएं हैं? कौन सी दवा किस अस्पताल में कम है और कहां ज्यादा है? इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग और अस्पतालों के सारे कर्मचारियों का पर्सनल रिकार्ड भी ऑनलाइन मिलेगा। वह खुद भी अपने वेतन, बिल की जानकारी कम्प्यूटर पर कर सकेंगे।
किस अस्पताल में किस तरह के उपकरण हैं, किस तरह की सुविधाएं उपलब्ध हैं? यह जानकारी भी हॉस्पिटल मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम से किया जा सकेगा। जल्दी ही अस्पतालों में मरीजों का पंजीकरण, जांचें सब कुछ ऑनलाइन की जा सकेंगी। इसका रिकॉर्ड भी कम्प्यूटर पर उपलब्ध होगा।