दो सप्ताह पूर्व छिबरामऊ से अपहृत युवक नवाबगंज में बरामद

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फर्रुखाबाद: दो सप्ताह पूर्व छिबरामऊ से अपहृत एक व्यापारी के पुत्र को शुक्रवार को थाना नवाबगंज क्षेत्र में एक गन्ने के खेत से बरामद किया गया|

नवाबगंज के ग्राम नगला दमू में प्रातः ७ बजे शिवम् दीक्षित अपने गन्ने के खेत पर पानी लगाने जा रहा था तभी सुखलाल शर्मा के गन्ने के खेत से एक युवक कोहनियों के बल घिसटकर बाहर आते नजर आया| युवक शिवम् को देखकर गिडगिडाने लगा व उससे यहाँ से निकाल लेने की गुहार करने लगा| युवक के हाँथ पैर बंधे हुए थे शिवम् ने युवक के हाँथ-पैर खोलकर उसे किसी प्रकार अपनी साइकिल पर बिठाला और गाँव ले आया|

गाँव के किनारे बने कोल्हू के पास शिवम् ने जैसी ही युवक को उतारा तो चारों से ग्रामीणों की भीड़ एकत्र हो गयी| ग्रामीणों द्वारा तसल्ली दिए जाने पर युवक ने बताया कि उसका नाम मदन मोहन गुप्ता है व हीरालाल वीएन इंटर कालेज छिबरामऊ में कक्षा 12 का छात्र है| उसके पिता ब्रजेश गुप्ता भाउलपुर कसावा में परचून की दुकान किये हैं|

मदन ने बताया कि बिगत १७ नवम्बर की शाम वह व पिता जी दुकान बंद कर घर वापस आ रहे थे| पिता जी अपनी बिक्की से आगे चले गए व वह उनके पीछे साइकिल से घर जा रहा था| गाँव से लगभग १०० मीटर पहले एक काली बाइक पर सवार चार लोगों ने मुझे रास्ते में रोक लिया| मेरी साइकिल छीनकर मेरे ऊपर तमंचे से कई प्रहार किये| मारपीट कर इनमे से तीन लोग मुझे साथ ले जाने लगे व एक आदमी बाइक से चला गया| आगे चलकर इन तीनों लोगों ने मेरे हाँथ पीछे बाँध दिए और आँखों में पट्टी बांधकर मुझे लगभग १० किलोमीटर पैदल चलाया|तत्पश्चात दोबारा फोन करके इन लोगों ने बाइक मंगवाई और फिर बाइक से लगभग एक घंटा तक चलते रहे| उसके बाद एक डीसीएम की तरह छोटे ट्रक पर मुझे बिठाकर कहीं ले गए|

मदन ने बताया कि बदमाश आपस में बात कर रहे थे कि बाइक चोरी की है इसलिए इसे यहीं छोड़ दो| तीन दिन तक मुझे एक गन्ने के खेत में रखा फिर कहीं एक दोमंजिला मकान पर रोका उसके बाद फिर मुझे यहाँ गन्ने के खेत में रखा गया| युवक ने बताया कि बदमाश मुझे खाने के बाद नशे की गोलियां भी खिलाते थे| एक बार मै भागने का प्रयास कर चुका हूँ परन्तु तब मै एक आलू के खेत में फंस गया जिसमे पानी भरा हुआ था| जिसमे फंसकर मै गिर गया व बदमाशों ने मुझे फिर पकड़ लिया| मदन मोहन ने बताया कि बदमाशों ने उससे दो बार फिरौती के लिए पर्चे भी लिखवाये जिसमे पहले १५ लाख व बाद में 10 लाख की मांग लिखवाई गयी|

ग्रामीणों की सूचना पर दो घंटे बाद पहुँची थाना नवाबगंज पुलिस युवक को लेकर थाने लाई व उसके पिता ब्रजेश गुप्ता को सूचना देकर बुलवाया| ब्रजेश गुप्ता ने बताया कि हमने 17 नवम्बर को ही पुलिस में रिपोर्ट की थी परन्तु पुलिस ने 22 नवम्बर को गुमशुदगी दर्ज करने के अलावा कुछ नहीं किया| तत्पश्चात हम लोगों ने अधिकारियों के भी चक्कर लगाये तब जाकर 28 नवम्बर को कोतवाली छिबरामऊ में मेरे पुत्र के अपहरण का मुकद्दमा दर्ज हो सका|

ब्रजेश ने बताया कि उसको अपहरण के पर्चे मिले थे परन्तु वह गरीब आदमी है इतने पैसों का इंतजाम नहीं कर सकता था| उसने बताया कि पर्चे में लिखा था कि दो लोग ऊगरपुर शमसाबाद मंदिर के पास पैसे लेकर मिलें जो लोग पैसा लेकर आये वह लाल टोपी व सफ़ेद अगौंछा डालकर आये| हम लोग बताये गए स्थान पर दो बार गए भी परन्तु वहां कोई मिला नहीं|

ब्रजेश को लेकर थाना नवाबगंज पहुंचे प्रभारी निरीक्षक कोतवाली छिबरामऊ विजय सिंह व एस एस आई बीएच यादव ने बताया कि मदन मोहन साधू संतों की संगत करने लगा था और एक बार एक महात्मा के साथ भागने को तैयार था| तो उसके पिता ने उसे पीटा भी था हो सकता है इसी लिए यह सब हुआ हो !

वहीं दूसरी तरफ थाना नवाबगंज क्षेत्र में 10 दिन से अपह्त युवक को रखे जाने के बावजूद किसी को इसकी सूचना न मिल पाना अपने आप स्थानीय लोगों के भी इस बारदात में सम्मलित होने की पुष्टि करता है|