ऐतिहासिक धरोहरों पर 100 करोड़ की बारिश

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फर्रुखाबाद: केंद्र सरकार ने यूपी की ऐतिहासिक धरोहरों के रख रखाव के लिए तेरवें वित्त आयोग के तहत प्रदेश सरकार के लिए १०० करोड़ रुपये स्वीकृत किये|

प्राप्त सूचना के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण( ASI ) को १०० करोड़ रूपए का पॅकेज जल्द ही उपलब्ध हो जाएगा| विभाग इतनी मोटी रकम को किस किस जगह पर व कैसे खर्च करेगें इसकी कार्य योजना की रिपोर्ट तैयार करने में जुट गया है| पुरातत्व निदेशालय के पास लखनऊ में ६ इमारतें संरक्षित हैं जिसमे आलमबाग हाउस, रोशानुद्दौला कोठी, लाल बारादरी, आलम बाग़ गेट, छतरमंजिल व फरहत बख्स शामिल हैं|

छतरमंजिल का हालत तो इतनी दयनीय है कि पिछले दिनों उसका एक हिस्सा गिर चुका है| यूपी के किसी भी जिले की बात करें वहां की ऐतिहासिक इमारतें आधी से ज्यादा खंडहर हो चुकी हैं| तब जाकर केंद्र को इनकी सुध आती है|

शहर फर्रुखाबाद में देखें तो लिंजी गंज स्थित शहर क्षेत्र का ऐतिहासिक दरबाजा, टाउन हाल, नबाव बंगस खां का मकबरा, विश्रांत घाट, नबाव कायम खां आदि काफी ऐसी जगहें हैं जहां अगर केंद्र की कृपा हो गयी तो शायद कुछ वर्ष और यह इमारतें अपनी जिन्दगी जी लेंगीं|

बताते चलें कि पुरातत्व सर्वेक्षण के प्रदेश में तीन मंडल हैं| लखनऊ मंडल के तीन जिलों में संरक्षित स्थलों व भवनों की संख्या ३५९ है व लखनऊ जिले में इनकी संख्या ६० है| लखनऊ पुरात्व निदेशालय के द्वारा ६ भवन संरक्षित हैं जिनमे दो उन पर उनका कब्जा हे नहीं है| जबकि अधिनियम १९५८ के अंतर्गत ऐसे स्मारकों स्थलों को नष्ट करने, क्षति पहुंचाने, परिवर्तित करने व विस्थापित करने पर तीन माह का कारावास व ५ हजार रुपये का जुर्माना व दोनों का प्रावधान है|