इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बीटीसी 2004, विशेष बीटीसी 2007 और 2008 के उम्मीदवारों द्वारा शिक्षक पात्रता परीक्षा (UPTET), 2011 पास करने की बाध्यता से मुक्त किये जाने संबंधी दायर रिट याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है। बी.पी. एड, डी पी एड, LT और दूरस्थ शिक्षा के उम्मीदवारों याचिकाकर्ताओं पर अभी कोई निर्णय नहीं किया गया है। इसी तरह उर्दू और अंग्रेज़ी के दूसरे पेपर में भाषा के रूप में संस्कृत के शामिल करने के लिए दायर की गयी याचिका पर भी निर्णय 11 नवंबर को दिया जाएगा।
बीटीसी उम्मीदवारों ने दलील दी थी कि उक्त प्रशिक्षण के पहले के बैच को पहले से ही नियुक्ति दे दी गयी है, और अब उनको यूपीटीईटी पास करने के लिये मजबूर किया जा रहा है। इसी प्रकार की दलील विशेष बीटीसी 2007 और 2008 के उम्मीदवारों द्वारा भी दी गयी थी। इसके अलावा, दूरस्थ माध्यम से शारीरिक शिक्षा की डिग्री प्राप्त उम्मीदवारों की दलील है कि उनके कोर्स विधिवत एनसीटीई द्वारा मान्यता प्राप्त है और इसलिए वे भी UPTET 2011 में सम्मिलित करने का अवसर दिया जाना चाहिए।