एडी अस्पताल में मौजूद फिर भी पूरे दिन गेट पर तड़पा दलित राकेश

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फर्रुखाबाद: एडी डॉ रेखा तिवारी के लोहिया अस्पताल में मौजूद होने के बावजूद भी लोहिया अस्पताल के कर्मचारियों पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ा बल्कि रोज की तरह आज कुछ ज्यादा ही मरीजों को इलाज के अभाव में सुबह से शाम तक भटकना पडा व एडी को इस बात की सूचना दिए जाने के बाद भी मरीजों को देखे बगैर चली गयीं|

आज सुबह १०:३० बजे जहां एक तरफ सरकारी नीली बत्ती की गाडी में अपर निदेशक लखनऊ लोहिया अस्पताल में पहुँची वहीं दूसरी तरफ मरीजों का आना भी शुरू हो गया| कई मरीज ओपीडी के बाहर जहां से एडी साहिबा निकल कर अस्पताल के अन्दर गयी| तड़प रहे थे लेकिन एडी साहिबा की आव भगत में किसे ने भी उन मरीजों के बारे में एक बार भी नहीं सोचा|

एडी की सरकारी गाड़ी के पास करीब तीन घंटे तक गरीब रिक्सा चालक राकेश जाटव पुत्र डालचंद्र फतेहगढ़ स्थित नवदिया का निवासी है| राकेश को किसी ने उसकी दर्दभरी आवाज सुनकर किसी ने उससे कहा कि इस नीली बत्ती की गाड़ी से बहुत बड़ी अधिकारी आयी हैं अगर तुम उनको अपनी समस्या के बारे में बताओगे तो तुम्हारा इलाज अस्पताल में तत्काल करा दिया जाएगा| डाक्टरों के दुत्कारे जाने के बाद उसको यह लग रहा था कि अब गरीबी में मेरा इलाज नहीं हो पायेगा| तभी बड़े अधिकारी की सूचना मिलने पर दलित व अनपढ़ रिक्सा चालक राकेश जाटव को एक उम्मीद की किरण नजर आयी| जिसकी खुशी उसके चेहरे से साफ़ झलक रही थी लेकिन उसे क्या पता था कि लोहिया अस्पताल के नाकारा कर्मचारी एडी डॉ रेखा तिवारी को उस गेट से लेकर नहीं आयेंगें जिस गेट पर राकेश जैसे कई दर्द से कराह रहे मरीजों की लाईने लगीं थीं | उन्हें भय था कि कहीं मरीजों की शिकायत पर हमारे साथ कोई कार्रवाई न हो जाए|

राकेश जाटव ने बताया कि वह पिछले एक सप्ताह से अस्पताल के चक्कर काट रहा है| उसके कमर के नीचे अचानक भयानक इन्फेक्शन हो गया तो उसने १९ नंबर कमरे में डॉ कमलेश को अपनी समस्या बतायी तो उन्होंने आनाकानी करके टरका दिया| तब से वह सभी डाक्टरों के पास चक्कर मार रहा है लेकिन कोई भी उसके ऊपर रहम खाकर इलाज नहीं कर रहा है| राकेश की पत्नी भी बीमार है जोकि लगभग चारपाई पर लेटी रहती है| घर में रोजी रोटी कमाने वाला एकमात्र राकेश जाटव ही है लेकिन बीमारी के कारण वह भी दो वक्त की रोटी के लिए असमर्थ हो चुका है|

वहीं जब एडी से इन मरीजों की समस्या सुनने के लिए कहा गया तो मैडम जी ने मुस्कराते हुए कहा कि देख लेंगे| लेकिन मैडम से अपनी समस्या को कहने के लिए कई मरीज राजकुमार पुत्र गुमानी राजपूत जो टीबी का मरीज है| जिसने बताया कि टीबी सेंटर से उसे बड़ा एक्सरा कराने के लिए लोहिया अस्पताल भेजा गया| लेकिन डाक्टरों ने उसे बहानेबाजी कर चलता कर दिया| एडी साहिबा ने किसी भी मरीज से मिलने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई बल्कि मुस्कराकर कह दिया कि हम तो लोहिया अस्पताल लखनऊ से घूमने आये हैं| इतना कहकर मैडम साहिबा गाड़ी में बैठकर चली गयी| मरीज उनकी गाड़ी को टकटकी लगाए देखते रहे|