फर्रुखाबाद: अखिल भारतीय भिक्षु महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने संकिसा में हुए आयोजन के दौरान जानकारी दी कि वौद्ध भिक्षु का मतलब होता है कि भीख मांगकर खाए और लोगों को जन कल्याण के लिए उपदेश दे| उन्होंने बताया कि यहाँ पर क्षेत्रीय भिक्षुओं की कामता बनाकर मेले का आयोजन किया जाए| दूसरी तरफ हो रहे मुंशी लाल शाक्य के कार्यक्रम की तरफ इशारा अकारते हुए उन्होंने कहा कि मुंशी लाल शाक्य का कार्यक्रम एक राजनीति है तो वहां पर बैठे कुछ मीडिया कर्मियों ने कहा कि उस कार्यक्रम में वौद्ध भिक्षु भी तो बैठे हैं| इस पर राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि जो वौद्ध भिक्षु उस कार्यक्रम में बैठे हैं उन्हें ज्ञान नहीं हैं|
वहीं दूसरी तरफ मुंशीलाल शाक्य ने एक बड़ा पांडाल लगाकर सैकड़ों की संख्या में वौद्ध भिक्षुओं के साथ भगवान् वुद्ध के चरित्र का वर्णन कर रहे थे| इस कार्यक्रम में बसपा प्रत्याशी संघमित्रा भी मौजूद थीं| उन्होंने कहा कि मै सभी को भगवान् बुद्ध के नक्से कदम पर चलना चाहिए व वौद्ध के कार्यक्रमों का प्रचार व प्रसार करना चाहिए| उन्होंने बताया कि मै चीन और नेपाल भी गयी थी वहां भारत की तुलना में वौद्ध धर्म का प्रचार अधिक है|
सनातन धर्म एवं बिसारी देवी सेवा समिति के संयोजंक आलोक दीक्षित ने बताया कि कल हम लोग यात्रा निकालेंगें, विरोध प्रकट करेंगें और यात्रा पूर्वतः की भाँती रहेगी| समय भी निश्चित होगा कि वौद्ध धर्मी कितने बजे स्थान छोड़ेंगें| तब हम लोग खीर का भोग लगायेंगें| पूजा अर्चना होगी व आरती निकलेगी| उन्होंने कहा कि वौद्ध अनुयायियों में दो फाड़ हैं| इनमे धन को लेकर मतभेद बने हैं, दो-दो जगह सभाएं हो रही हैं| और बताया कि यहाँ २० साल पहले इनका कुछ नहीं था| सिर्फ संकिसा तिराहे पर वौद्ध की लीला का मंचन किया करते थे| यहाँ की जमीन हम सब सनातन धर्मियों की है और काली नदी के आगे देव टीला पड़ता था वहां जाकर ये लोग पूजा आर्चना किया करते थे|
वौद्ध कम्यून ( इंटर नॅशनल ) के प्रबंध निदेशक जीएस शाक्य ने बताया कि शरद पूर्णिमा १२ अक्टूवर को १ से २ बजे के बीच दीक्षा कार्यक्रम होगा| इसमें भगा लेने वालों से दीक्षा लेने के लिए सहमित पात्र के रूप में एक फार्म भरवाया जा रहा है जिससे हम दीक्षा लेने वालों का ब्योरा रख सकें| प्रथम चरण में भगवान् वुद्ध के बंसजो को जोड़ा जा रहा है|