आज होगी असत्य पर सत्य की विजय, जगह-जगह हुए शस्त्र पूजन

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फर्रुखाबाद: विजय दशमी के उपलक्ष्य में आज जगह-जगह रावण, कुम्भकरण व मेघनाद के पुतले जलने के लिए तैयार खड़े हैं| इसी उपलक्ष्य में आज सेना व जगह-जगह लोगों ने शस्त्रों का पूजन कर असत्य पर सत्य की विजय का उत्सव मनाया|

गुरूवार को सुबह से ही मंदिरों, घरों व सेना में जगह-जगह शस्त्र पूजन किया गया| ब्रिगेडियर एसके भनोट ने विजय दशमी के उपलक्ष्य में पवित्र माने जाने वाले नील कंठ व शान्ति के प्रतीक कबूतरों को उड़ाया| राजपूत रेजीमेंट के धर्मगुरू ने ब्रिगेडियर के साथ मंत्रौच्चारण करते हुये अपने शस्त्रों, वाहनों व कम्प्यूटर, घोड़ों आदि की पूजा कर अपनी ताकत का एहसास कराया|

वहीं स्वर्णकार क्षत्रिय समाज के लोगों ने बढपुर स्थित संतोषी माँ के मंदिर में हवन-पूजन के साथ अपने-अपने शास्त्रों का पूजन कर शक्ति प्रदर्शन किया| क्योंकि क्षत्रिय समाज के लोग भगवान् राम को अपना बंसज मानते हैं जिसके चलते विजय दशमी पर यह लोग शस्त्र पूजन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं|

वही दूसरी तरफ असत्य व अत्याचार का प्रतीक लंकापति रावण, कुम्भकरण व मेघनाद के पुतले एकबार फिर भगवान् राम के हांथो मरने के लिए तैयार खड़े हैं| हर वर्ष रावण के पुतले को जलाने का मतलब यह है कि झूंठ और अत्याचार कितना भी ताकतवर हो लेकिन सत्य के आगे एक न एक दिन पराजित हो ही जाता है|