अपराधी को पकड़ने में बेहाल हुई पुलिस

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फर्रुखाबाद: अपराधियों का पुलिस से भिड़कर मुचैटा लेना अब आम बात हो गई है| गनर के हत्याभियुक्त अजय सिंह परमार ने पकडे जाने के विरोध के दौरान पुलिस के छक्के छुडा दिए| अजय अपनी मर्जी से ही पुलिस के साथ गया तब पुलिस कर्मियों ने राहत महसूस की|

शहर कोतवाली के मोहल्ला बढपुर अल्लानगर दक्षिण में रहने वाले अजय सिंह परमार का आवास विकास कालोनी लोहिया प्रतिमा के निकट खाने का होटल है|

अजय अपनी माँ के साथ दोपहर को होटल पर बैठा था तभी कोतवाली के वरिष्ठ उप निरीक्षक शिवशंकर शुक्ला आवास विकास चौकी इंचार्ज इन्द्रेश कुमार सिंह, दीवान व दो हमराह सिपाहियों के साथ होटल में धावा बोलकर अजय को पकड़ लिया| और उसे जबरन पुलिस जीप में बैठाने का प्रयास करने लगे|

अजय के साथ ही उसकी माँ ने बेटे को ले जाने का जमकर विरोध किया| इस बात को लेकर दोनों पक्षों में जमकर खींचातानी व कहासुनी हुई| अजय चिल्लाने लगा कि मै मर जाऊंगा लेकिन साथ नहीं जाऊंगा मुझे ले जाने का कारण बताओ| माँ चीखती रही कि बेटा बीमार है आपरेशन होने के कारण उसके पेट पर पट्टी बंधी है|

सभी पुलिस वाले एकबार अजय को जबरन जीप में बिठाने में सफल हो गए लेकिन वह पुलिस को धकियाकर बाहर निकलने में सफल हो गया| काफी विवाद के बाद पुलिस ने बताया कि तुम्हारा NDPS एक्ट के मुकद्दमे में गिरफ्तारी का वारंट है| तब अजय ने मोबाइल फोन से अपने अधिवक्ता से बात की तब अजय राजी से चला गया उसकी माँ भी साथ गई|

अजय का घटियाघाट के निकट भी एक होटल है| अजय भाजपा नेता सुधान्सू दत्त द्विवेदी एडवोकेट की सुरक्षा में लगे गनर की ह्त्या कर उसकी कार्बाईन लुटे जाने के मामले में प्रमुख अभियुक्त है|

भाजपा के पूर्व काबीना मंत्री ब्रह्मदत्त द्विवेदी के बीते एक दशक पूर्व ह्त्या कर दी गई थी| इसी मुकद्दमे की रिपोर्ट दर्ज कराने के कारण उनके भतीजे सुधांशु को गनर की सुरक्षा दी गयी थी| पुलिस के चले जाने पर अजय के समर्थकों ने खाकी के प्रति अपशब्दों का प्रयोग करके जमकर भड़ास निकाली|

मुफ्तखोरी के कारण खाकी की फजीहत

कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि चौकी इंचार्ज व सिपाही आयेदिन बर्दी की धौंस में मुफ्त में खाना खाते हैं और शराब पीकर मौज-मस्ती भी करते हैं| तब वह क़ानून को भूल जाते हैं पुलिस की मुफ्तखोरी के कारण ही खाकी की जमकर फजीहत हुई है| अजय ने भी पुलिस की मुफ्तखोरी का लाभ उठाकर उनकी बेईज्जती करने की कोई कसर नहीं छोंडी| अडोस-पड़ोस के दुकानदार व राहगीरों ने इस अजीबो-गरीब घटना को देखकर लुत्फ़ उठाया|