बीएसए ने मानी दलित शिक्षकों की मांगे

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फर्रुखाबाद: दलित शिक्षकों द्वारा आज बेसिक शिक्षा अधिकारी के तानाशाही रवैया के विरुद्ध धरना देकर जमकर नारेबाजी की गयी|

धरने का नेतृत्व कर रहे अखिल भारतीय अनुसूचित जाति जनजाति कर्मचारी कल्याण संघ के प्रांतीय महामंत्री नानक चन्द्र ने कहा कि बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा अनुसूचित जाति के शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार कर उनकी पदौन्नातियों में आरक्षण की मांग एवं अन्य समस्याओं का समाधान कई बार मांगपत्र देकर किया गया परन्तु तानाशाही रवैया के चलते उनकी मांगों पर अमल नहीं किया गया संघ इसके लिए हर कुर्वानी देने को आगे रहेगा|

उन्होंने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि शिक्षकों की समस्याओं का समाधान शीघ्र नहीं किया गया तो यह लड़ाई जारी रहेगी| इसी बीच संघ के अनुरोध पर बीएसए डॉ कौशल किशोर ने धरना स्थल पर आकर शिक्षकों की समस्याएं सुनी और आश्वासन देते हुए कहा कि विगत वर्ष २६६ पदौन्नातियों में आरक्षण पूरा करने के लिए पहले तीन वर्ष पूर्ण कर चुके दलित शिक्षकों की पदौन्नती सूची जारी की जायेगी| साथ ही विद्यालयों में स्थापित कम्प्यूटरों के लिए निदेशक राज्य परियोजना से निदेशकों से ट्रेनिंग कराने की अनुमति ली जायेगी| साथ ही दलित शिक्षकों की आयु शिथिलिता बेसिक शिक्षा परिषद् से आने के बाद एक साथ पदौन्नातियाँ जारी की जायेंगी तथा अनुसूचित जाति के शिक्षकों के समायोजन तथा संसोधन पर भी विचार किया जाएगा| इस आशय के आदेश जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने धरने के दौरान जारी कर दिए हैं|

धरने में प्रीतम सिंह, हंशराज, सर्वेश कुमार, विजय कनौजिया, अमर पाल, विनोद गौतम, सुदीप कुमार, जिलाध्यक्ष सत्यपाल, देवेन्द्र कुमार, सतीश गौतम, रानी सिंह, शिवानी, अर्चना कनौजिया, पुष्पलता, मंजू कुमारी, राम नरेश, डॉ बादशाह सिंह, कृष्ण कुमार शंखवार आदि ने विचार व्यक्त किये| धरने का संचालन कमलेश कुमार निगम ने किया|

धरने के दौरान हुयी नारेबाजी से बीएसए कार्यालय में शिक्षामित्रों की काउंसिलिंग एक घंटा विलम्ब से शुरू हो सकी|